Physics Olympiad 2024: मिलिए फिजिक्स ओलंपियाड के रजत पदक विजेता भव्य तिवारी से, सोशल मीडिया का नहीं करते इस्तेमाल
नोएडा के भव्य तिवारी ने 54वें फिजिक्स ओलंपियाड के रजत पदक जीता है। भव्य बताते हैं कि अभी उन्होंने भविष्य को लेकर कोई लक्ष्य तय नहीं किया है। भव्य को फिजिक्स विज्ञान के न्यूमेरिकल ही गेम खेलने जैसे हैं। वह सिर्फ वर्तमान में पढ़ाई का आनंद ले रहे हैं। आईआईटी मुंबई से बीटेक करते हुए जैसे-जैसे जीवन आगे बढ़ेगा। उसके अनुसार ही तय करेंगे।
अजय चौहान, नोएडा। मेरे साथ सबसे अच्छी बात ये है कि मुझे बचपन में ही समझ में आ गया था कि मैं विज्ञान के लिए बना हूं और जब आप अपनी रुचि के विषय पर काम करते हैं तो आपको मजा आने लगता है। लगातार चीजें बेहतर होने लगती है।
यही कारण है कि मैं विज्ञान और गणित वाली सभी परीक्षा और प्रतियोगिताओं में बेहतर कर रहा हूं। मैं फिजिक्स विज्ञान के न्यूमेरिकल लगाने में मुझे ऐसे ही मजा आता है, जैसे लोगों को गेम खेलने में आता है। यह कहना है 54वें फिजिक्स ओलंपियाड के रजत पदक विजेता नोएडा के भव्य तिवारी का।
भव्य को साइंस से है प्यार
आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर रहे भव्य तिवारी ने बताया कि वह मैथ्स ओलंपियाड में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुके हैं। साथ ही साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन की तरफ से आयोजित इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भी उनकी सातवीं व 11वीं में साइंस में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली रैंक रही थी।
ऐसे में तभी से वह फिजिक्स ओलंपियाड में प्रतिभाग करने के लिए आश्वस्त थे। 11वीं से ही जेईई एडवांस की तैयारी के साथ-साथ उन्होंने ओलंपियाड के पिछले वर्ष के पेपर हल करने शुरू कर दिए थे।
तीन चरण की परीक्षा के बाद होता है पांच का चयन
अखिल भारतीय स्तर पर पहले व दूसरे चरण की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 30 प्रतिभागियों का चयन किया गया। सभी को मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में लगभग 15 दिन का प्रशिक्षण सह मूल्यांकन शिविर में रखने के बाद अंतिम पांच प्रतिभागियों का चयन किया गया। उनमें वह भी शामिल थे। 0.7 अंक के साथ वह स्वर्ण पदक से रहे गए थे।
रेडिएशन की चुनौती से बचाव पर थे प्रश्न
भव्य ने बताया कि फिजिक्स ओलंपियाड का शीर्षक और प्रश्न मेजबान देश तय करता है और अंतरराष्ट्रीय फिजिक्स ओलंपियाड समिति की देखरेख में प्रतियोगिता होती है। इस बार रेडिएशन के बढ़ते खतरे को लेकर तीन-तीन लिखित और प्रयोगात्मक प्रश्न दिए गए। प्रश्नों का स्तर समाधान परक उत्तर ढूंढने वाला होता है। तार्किक क्षमता का विश्लेषण किया जाता है, लेकिन कांसेप्ट वही रहते हैं, जो अब तक पढ़ते आ रहे हैं।
ओलंपियाड में मेडल मिलने के बाद उनके लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में प्रवेश की राह भी आसान हो गई है। इसमें अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड के पदक विजेताओं को विशेष छूट मिलती है।
किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं एकाउंट
सोशल मीडिया की चकाचौंध के बीच कोडिंग व गणित-विज्ञान की प्रोग्रामिंग को चुटकियों में हल करने वाले भव्य तिवारी किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग नहीं करते हैं।
वह बताते हैं कि उनको कभी जरूरत ही नहीं लगती है। पढ़ने में मन लगता है। इससे लिए पढ़ाई करते रहते हैं। अपडेट के लिए अखबार और यू-ट्यूब का सहारा लेते हैं। यू-ट्यूब का काफी प्रयोग करते हैं, लेकिन दूसरे किसी भी प्लेटफार्म पर अभी तक भी उनका एकाउंट नहीं है। तरोताजा रहने के लिए टेनिस खेलते है और ड्राइविंग बनाते हैं।
विलक्षण प्रतिभा के धनी है भव्य
भव्य तिवारी बचपन से ही विलक्षण प्रतिभाग के धनी रहे हैं। लगातार एकेडमिक में वह बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। भव्य ने पीसीएमबी के साथ 12वीं की परीक्षा 98.8 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है।
साथ ही जेईई एडवांस में भी आल इंडिया 19वीं रैंक प्राप्त की है। 10वीं में उनके 99.2 प्रतिशत अंक थे। साथ में दूसरी अकादमिक परीक्षाओं में भी लगातार बेहतर करते रहे हैं।
खुद तय करें अपना सपना
भव्य बताया कि उनके लिए सफलता का एक ही फॉर्मूला है कि अपने पसंद का काम करें। जैसे में मुझे गणित-विज्ञान पढ़ने में कभी दिक्कत नहीं होती है। सुबह से शाम तक पढ़ता रहता हूं। कभी ऊबता नहीं हूं। कभी थकान नहीं लगती।
दूसरे लोगों के लिए भी मेरी यही सलाह है कि अपनी पसंद के क्षेत्र में काम करें। तब आपको मेहनत कभी बोझ नहीं लगेगा और लगातार बेहतर परिणाम भी मिलेंगे। जब परिणाम आपके अनुसार आता है तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है