प्रयागराज तक पहुंची Delhi Blast की आंच, इस इलाके में घंटों चली छानबीन, तीन साल पहले ही पकड़ा गया था आतंकी
दिल्ली में हुए धमाके के बाद प्रयागराज पुलिस सतर्क हो गई है। शहर के कई इलाकों में घंटों तक तलाशी अभियान चलाया गया, विशेष रूप से करेली इलाके में, जहाँ तीन साल पहले एक आतंकी पकड़ा गया था। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके के बाद खुफिया और सुरक्षा एजेंसी की टीम मंगलवार को करेली में संदिग्ध स्थानों पर पहुंची। यहां गोपनीय ढंग से संदिग्ध स्थानों पर घंटों छानबीन की गई।
इस दौरान मिली जानकारी के आधार पर कुछ संदिग्ध युवकों के तार वर्ष 2022 में पकड़े गए आतंकी मो. जीशान कमर से जोड़े जा रहे हैं। संदिग्ध युवकों की पारिवारिक पृष्ठभूमि की जांच करते हुए उनके इंटरनेट मीडिया एकाउंट को खंगाला जा रहा है।
उनसे जुड़े प्रमाणिक साक्ष्य भी तलाशे जा रहे हैं, ताकि उसी आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा सके। फिलहाल अब तक की तफ्तीश में कुछ स्पष्टता नहीं होने की बात कही जा रही है। उधर, धमाके के दूसरे दिन भी प्रयागराज जिला हाई अलर्ट पर रहा। पुलिस अलग-अलग स्थान पर संदिग्ध वस्तुओं, वाहन और व्यक्तियों की चेकिंग करती रही।
सूत्रों का कहना है कि सोमवार शाम दिल्ली में हुए धमाके की जांच शुरू हुई तो करेली में रहने वाले कुछ युवकों की भूमिका संदिग्ध होने के प्राथमिक इनपुट मिले थे। पता चला था कि करेली निवासी कुछ युवक उच्च शिक्षा लेने की बात कहते हुए पश्चिम उत्तर प्रदेश गए हैं।
इंटरनेट मीडिया एकाउंट और दूसरे स्तर पर मिले इनपुट के आधार पर प्रथम दृष्टया संदिग्ध मानते हुए छानबीन तेज की गई। मंगलवार को खुफिया और सुरक्षा एजेंसी से जुड़े कुछ अधिकारी-कर्मचारी करेली क्षेत्र के संदिग्ध स्थान पर पहुंचे। उन्होंने गोपनीय ढंग से अपने-अपने स्तर पर छानबीन की।
कुछ लोगों से पूछताछ भी हुई, जिनसे अलग-अलग जानकारी मिली। एजेंसी के लोग वर्ष 2022 में पकड़े गए आतंकी मो. जीशान और उसके चाचा हुमेदुर रहमान के बारे में भी जानकारी ली। पता चला कि दोनों जेल में बंद हैं और उनके परिवार के सदस्य अलग-अलग काम करते हैं।
जीशान और हुमेदर के घरवाले किस-किस के संपर्क में रहते हैं, इसको लेकर भी तफ्तीश हो रही है। जीशान को दिल्ली स्पेशल सेल और आतंकवाद निरोधक दस्ता ने पकड़ा था। उसे पाकिस्तान में आतंकी बनने की ट्रेनिंग दी गई थी। उसने नैनी स्थित पोल्ट्री फार्म में पाकिस्तान हथियार छिपाए थे और आनलाइन खजूर बेचने की आड़ में आतंकी गतिविधि को संचालित कर रहा था।
80 प्रतिशत से ज्यादा है मुस्लिम आबादी
करेली क्षेत्र में 80 फीसद से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। इस इलाके को माफिया अतीक अहमद का गढ़ भी माना जाता है। यहां पर रहने वाले कुछ संदिग्ध युवकों के घर पर पहले भी सर्च आपरेशन चलाया गया था। आतंकी कनेक्शन सामने आने पर मो. जीशान और उसके चाचा की गिरफ्तारी की गई थी।
पश्चिमी यूपी जाने वालों का खंगाल रहे ब्यौरा
सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां प्राथमिक इनपुट के आधार पर उन संदिग्ध युवकों का ब्यौरा खंगाल रही है, जो मूलनिवास करेली से जाकर पश्चिमी यूपी में रहने लगे हैं। इसमें उच्च शिक्षा लेने वाले से लेकर अन्य तरह के युवकों को शामिल किया गया है। हाल फिलहाल में नया पासपोर्ट बनवाने और विदेश यात्रा करने वाले भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं।

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