नैनी जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी ने की आत्महत्या, पेड़ पर लटका मिला शव
प्रयागराज के नैनी केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उदयराज लोध नामक एक बंदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना का पता तब चला जब गिनती के दौरान वह गायब मिला। खोजबीन में उसका शव पेड़ से लटका हुआ पाया गया। वह हत्या के मामले में सजा काट रहा था। आत्महत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। केंद्रीय कारागार नैनी में शनिवार की देर शाम एक बड़ी घटना हो गई। जेल के भीतर आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक बंदी ने फंदे से लटककर जान दे दी।
इसका पता तब चला, जब बैरक बंद होने के समय गिनती के दौरान एक बंदी कम मिला। खोजबीन शुरू हुई तो उसका शव दरी गोदाम के समीप स्थित आम के पेड़ से गमछे के सहारे लटकता मिला।
कौशांबी जिले के पश्चिम शरीरा थानांतर्गत बरुआ गांव निवासी रामेश्वर सिंह के बेटे 60 वर्षीय उदयराज लोध को गांव के ही एक युवक की हत्या के मामले में 12 दिसंबर 2023 को आजीवन कारावास की सजा मिली थी। 20 जुलाई को उसे कौशांबी जिला कारागार से केंद्रीय कारागार नैनी में स्थानांतरित किया गया था। वह जेल के चक्र संख्या दो में बंद था।
शनिवार की देर शाम को भोजन के बाद जब बैरक बंद होने लगी तो एक बंदी की संख्या कम मिली। बंदियों के मिलान में उदयराज गायब मिला। खोजबीन में दरी गोदाम के पास आम के पेड़ पर गमछे के सहारे उसका शव लटक रहा था। यह देखकर सभी हतप्रभ रह गए।
जानकारी जेल के अधिकारियों को मिली तो आननफानन में डीआइजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे। घटना की जानकारी नैनी थाने को दी गई। बंदी उदयराज लोध ने खुदकुशी किन कारणों से की, इस बारे में जेल प्रशासन अभी कुछ नहीं बता पा रहा है। उसके स्वजन के आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि उसने किन कारणों से इतना बड़ा कदम उठाया।
आजीवन कारावास की सजा काट रहा बंदी उदयराज लोध गमछे के सहारे फंदे से लटक गया था। उसे फंदे से उतारकर जेल के चिकित्सक डा. धीरज कुमार और डा. संजय कुमार से परीक्षण कराया गया। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
विजय विक्रम सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

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