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प्रयागराज-मानिकपुर के बीच 1640 करोड़ से बिछेगी तीसरी रेल लाइन, कैबिनेट की मंजूरी; मुंबई रूट को भी मिलेगा फायदा

Prayagraj Manikpur Railway Line प्रयागराज से मानिकपुर के बीच 1640 करोड़ रुपये की लागत से तीसरी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इससे मुंबई रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और यात्रा का समय कम होगा। यह परियोजना क्षेत्रीय परिवहन को बेहतर बनाएगी और पर्यटन को बढ़ावा देगी। जिससे ट्रेनों की आवाजाही में सुधार होगा और यात्रियों को अधिक सुविधा प्राप्त होगी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 26 Nov 2024 10:44 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मुंबई रूट पर जल्द ही ट्रेनों की संख्या और गति बढ़ सकेंगी। ट्रेनों की लेटलतीफी और जगह-जगह रोकने की शिकायत भी खत्म होगी। प्रयागराज से मानिकपुर के बीच तीसरी रेल लाइन बिछाने की परियोजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस कार्य पर 1640 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इस तीसरी रेल लाइन का निर्माण क्षेत्रीय परिवहन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही में सुधार होगा और यात्रियों को अधिक सुविधा प्राप्त होगी।

84 किलोमीटर लंबी बिछेगी तीसरी लाइन

इस परियोजना के तहत लगभग 84 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन बिछाई जाएगी, जिससे न केवल ट्रेनों के संचालन में गति आएगी, बल्कि इससे रेलवे नेटवर्क पर दबाव भी कम होगा। यह कदम भारतीय रेलवे के यात्री और माल परिवहन दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।

1640 करोड़ रुपये की इस बड़ी परियोजना के पूरा होने के बाद, प्रयागराज और मानिकपुर के बीच मुंबई रूट की ट्रेनों को बिना कहीं रोके सीधे प्रयागराज से मानिकपुर तक ले जाया जा सकेगा। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के तहत न केवल यात्री सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि इस परियोजना से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जो स्थानीय विकास में मददगार साबित होंगे। यह कदम भारतीय रेलवे द्वारा यात्री सुविधाओं को और बेहतर बनाने और देश के रेल नेटवर्क को सशक्त करने के प्रयासों का हिस्सा है।

क्या होगा फायदा

  • कनेक्टिविटी आसान होगी
  • यात्रा को आसान करेगी
  • लाजिस्टिक्स लागत घटेगी
  • तेल की खपत कम होगी
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी
  • मुंबई-मनमाड-भुसावल-खंडवा-सतना-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी।
  • पूर्वी मालवाहक गलियारे के लिए फीडर मार्ग का कार्य करेगा
  • मुंबई से मध्य प्रदेश के बघेलखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल तक यात्रियों की आवाजाही की क्षमता में वृद्धि
  • 16 मिलियन टन -प्रति वर्ष तीन करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी
  • मौजूदा प्रयागराज-मानिकपुर के ट्रेनों का दबाव कम हो सकेगा

कैसे जाएगी रेल लाइन

प्रयागराज छिवकी से होते हुए इरादतगंज के रास्ते मानिकपुर तक यह तीसरी लाइन (84 किमी) बिछेगी। यह जसरा, लोहगरा, शंकरगढ़, डभौरा होते हुए बिछाई जाएगी।

रेल लाइन बढ़ाएगी पर्यटन

मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो इसका फायदा पर्यटन को होगा। क्योंकि प्रस्तावित योजना में नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर) और वाराणसी (काशी विश्वनाथ) में ज्योतिर्लिंगों के साथ-साथ प्रयागराज, चित्रकूट, गया और शिरडी में धार्मिक स्थानों की यात्रा का मार्ग इससे जुड़ जाएगा।

जबकि खजुराहो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, अजंता और एलोरा गुफाएं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, देवगिरी किला, असीरगढ़ किला, रीवा किला, यावल वन्यजीव अभयारण्य, केओटी फाल्स और पुरवा फाल्स आदि जैसे विभिन्न आकर्षणों तक बेहतर पहुंच के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देंगी।

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