Vande Bharat Train : कल से आठ घंटे में करें बनारस से खजुराहो की यात्रा, प्रयागराज छिवकी से होकर जाएगी, रुकेगी भी यहां
वंदे भारत एक्सप्रेस अब बनारस से खजुराहो तक का सफर आसान करेगी, जो 11 नवंबर से शुरू हो रहा है। यह ट्रेन प्रयागराज छिवकी से होकर गुजरेगी, जहाँ इसका 5 मिनट का ठहराव होगा। इस यात्रा में लगभग 8 घंटे लगेंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह ट्रेन काशी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ेगी, जिससे यात्रियों को सुविधा होगी।

बनारस से 11 नवंबर को चलने वाली वंदे भारत ट्रेन प्रयागराज में रुकेगी, यहां से खजुराहो का सफर आसान हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। छिवकी के रास्ते बनारस से खजुराहो तक प्रस्तावित वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का नियमित संचालन 11 नवंबर से शुरू हो जाएगा। रेलवे ने समय सारिणी के अनुक्रम में संचालन की तिथि रविवार को जारी कर दी। यह आधुनिक ट्रेन गुरुवार को छोड़कर सप्ताह में सभी दिन चलेगी।
आने-जाने वाली दोनों ट्रेन का छवकी में छहराव
यह वंदे भारत ट्रेन (26506) बनारस से सुबह ठीक 5:15 बजे रवाना होगी। रास्ते में पहला ठहराव विंध्याचल में होगा, जहां सुबह 6:55 बजे पहुंचकर 6:57 बजे प्रस्थान करेगी। इसके बाद ट्रेन प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर पहुंचेगी। यहां दोनों दिशाओं में पांच मिनट का ठहराव होगा।
छिवकी में सुबह 8 बजे आगमन और 8:05 बजे प्रस्थान
प्रयागराज छिवकी में सुबह 8:00 बजे आगमन और 8:05 बजे प्रस्थान होगा। ट्रेन सुबह 10:05 बजे चित्रकूट पहुंचेगी और 10:07 बजे रवाना होगी। फिर 11:08 बजे बांदा, 12:08 बजे महोबा और दोपहर 1:10 बजे खजुराहो पहुंच जाएगी।
वापसी में यहां आने का जानें समय
वापसी की यात्रा में (26507) वंदे भारत खजुराहो से दोपहर 3:20 बजे चलेगी। शाम 4:18 बजे महोबा, 5:13 बजे बांदा, 6:13 बजे चित्रकूट और रात 8:20 बजे प्रयागराज छिवकी पहुंचेगी। वहां 8:25 बजे तक रुककर आगे बढ़ेगी। रात 9:10 बजे विंध्याचल और अंत में 11:10 बजे बनारस पहुंच जाएगी।
प्रयागराज से 5 घंटे 55 मिनट लगेंगे
पूरी यात्रा बनारस से खजुराहो तक करीब 8 घंटे (सात घंटे 50 मिनट) की होगी। प्रयागराज से 5 घंटे 55 मिनट और वापसी में 5 घंटे 50 मिनट समय लगेगा। आठ कोच वाली इस ट्रेन में एक बार में 564 यात्री सफर कर सकेंगे।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : एनसीआर सीपीआरओ
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि यह ट्रेन काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस, संगम नगरी प्रयागराज, रामभक्तों के विशेष स्थल चित्रकूट, बुंदेलखंड के बांदा-महोबा और खजुराहो के मंदिरों को जोड़ेगी। इससे धार्मिक यात्राएं आसान होंगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यटन सर्किट का काम करेगी वंदे भारत
काशी विश्वनाथ देश-दुनिया में सुप्रसिद्ध हैं, ऐसे में खजुराहो आने वाले विदेशी सैलानियों के लिए यह वंदे भारत सर्वश्रेष्ठ परिवहन विकल्प बनेगी। रास्ते में विंध्याचल मां विंध्यवासिनी देवी का पवित्र धाम है, जहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। प्रयागराज तो कुंभ नगरी है, जहां माघ मेला, कुंभ, संगम पर स्नान की महिमा विश्व प्रसिद्ध है।
छिवकी से आसानी से पहुंच सकेंगे शहर
छिवकी स्टेशन से यात्रियों को आसानी से शहर पहुंचने में मदद मिलेगी। चित्रकूट रामायण काल का पवित्र स्थल है, जहां भगवान राम ने वनवास के दिनों में समय बिताया। कामदगिरि पर्वत और रामघाट यहां की प्रमुख आकर्षण हैं। खजुराहो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जहां मध्यकालीन मंदिरों की नक्काशी दुनिया भर में मशहूर है। ये मंदिर कला, संस्कृति और इतिहास का जीता-जागता प्रमाण हैं। वंदे भारत पर्यटन सर्किट को जोड़ने का काम करेगी।

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