Move to Jagran APP

Sambhal Violence: तीन दिन पहले हुआ था एलान...फिर भी मात खा गए जिम्मेदार, खुफिया तंत्र फेल होने से भुगतना पड़ा बवाल

Sambhal Violence संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान खुफिया तंत्र की नाकामी ने बवाल को जन्म दिया। पथराव फायरिंग और आगजनी की पहले से ही तैयारी थी। पुलिस ने मामले को हल्के में लिया। बवालियों के पास आपत्तिजनक हथियार मिले। जुमे की नमाज में भीड़ जुटाने की अपील की गई थी। इस हिंसा में चार लोग मारे गए हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 25 Nov 2024 10:13 AM (IST)
Hero Image
Sambhal Violence: संभल में हिंसा का फाइल फोटो।
सौरव प्रजापति, जागरण, संभल। संभल में बवाल रोकने में जिले का खुफिया तंत्र ही नहीं पुलिस−प्रशासन भी फेल साबित हुआ है। जुमे की नमाज से पहले अधिक से अधिक लोगों के जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने आने का एलान किया गया था। फिर भी जिम्मेदार लोगों की मंशा नहीं भांप सके।

रविवार को तड़के उपद्रव से बचने को वीडियाेग्राफी कराने का तो निर्णय लिया गया, लेकिन उपद्रवियों को रोकने पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। खास बात यह है कि रविवार को जिस तरह पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया और फायरिंग की गई, उससे जाहिर है कि बवाल का इंतजाम पहले से ही था।

शहर कोतवाली के पीछे जहां पर जामा मस्जिद है। वहां पर मिश्रित आबादी है लेकिन, उनमें भी अधिकांश मुस्लिम संप्रदाय के लोग ही रहते हैं। 19 नवंबर को जब सर्वे के लिए टीम पहुंची तो वहां पर काफी संख्या में मुस्लिम संप्रदाय के लोग एकत्र हुए थे। तब पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया था।

उसके बाद भले ही पुलिस ये सोचकर थोड़ा हल्के में ले रही थी कि यहां पर अब कुछ नहीं होगा लेकिन, कुद लोग शायद तभी से इस बवाल को अंजाम देने की फिराक में जुट गए थे। सो, उनका मकसद पूरा भी हुआ।

खुफिया तंत्र की नाकामी

रविवार को हुए बवाल में न सिर्फ उनका मकसद जगजाहिर हुआ बल्कि पुलिस विभाग के खुफिया तंत्र की कार्यप्रणाली भी सामने आ गई। ऐसा नहीं है कि बवाल करने वालों ने अचानक ही सबकुछ किया, न ही ऐसा संभव है। सीधी बात है कि इसकी प्लानिंग पहले से ही कर रखी थी। क्योंकि बवाल के दौरान बेहिसाब पथराव भी इसकी गवाही दे रहे हैं।

बवाल करने की प्लानिंग पहले से थी

बवालियों पर हथियार भी थे। लाठी-डंडे और लोहे के सरिए भी नजर आए हैं। सवाल यह है कि अगर, खुफिया तंत्र यानि एलआइयू शाखा व आइबी शाखा जैसी एजेंसी सक्रिय रहकर पहले ही मुस्लिम संप्रदाय के लोगों के बीच ये जानकारी जुटा लेतीं कि बवाल करने की प्लाटिंग है तो शायद पुलिस भी उनसे निपटने के लिए तैयारी में रहती मगर, ऐसा हुआ ही नहीं। अचानक भीड़ आई और उग्र होकर पथराव, गोलीबाजी और फिर आगजनी तक कर डाली।

जुमे की नमाज में सबसे ज्यादा लोगों के पहुंचाने की हुई थी अपील

19 नवंबर को पहले दिन मस्जिद में सर्वे के लिए टीम पहुंची तो फिर यहां पर माहौल तनातनी का बनने लगा था। इसी तनातनी के बीच मदरसा खली-उल-उदुम के द्वारा एक लेटरपेड जारी किया गया था। जिसमें अपील करते हुए कहा गया था कि जुमे की नवाज में सबसे ज्यादा भीड़ जुटनी है। इसलिए मुस्लिम संप्रदाय के लोग अधिक से अधिक पहुंचे। हालांकि बाद में पुलिस-प्रशासन के सख्त होने पर संबंधित लेटरपेड को वापस ले लिया गया था। अब इससे ही अनुमान लगाया जा सकता है कि आखिर क्यों भीड़ को जुटाने की तैयारी हो रही थी। उस भीड़ को जुटाने के लिए शायद यही मकसद होगा।

ये भी पढ़ेंः Sambhal Violence: बहन के बेटी होने की थी खुशी, भाई की मौत से मातम; हिंसा के दौरान मारे गए भीड़ का हिस्सा बने चार लोग

ये भी पढ़ेंः संभल में जामा मस्जिद के सर्वे पर बवाल, पथराव-फायरिंग में चार की मौत; जिले में बाहरी लोगों की एंट्री बैन

बीएसएनएल ने बंद की इंटरनेट सेवा

रविवार को हुए बवाल के दौरान प्रशासन की ओर से इंटरनेट सवाको बंद करा दिया गया था। ताकि लोग किसी भी प्रकार की सूचनाओं का आदान−प्रदान नहीं कर सकें और अफवाहों को फैलने से रोका जा सके। क्योंकि इससे शांति व्यवस्था में खलल पड़ने की आशंका थी। हालांकि बीएसएनएल को छोड़कर अन्य मोबाइल ऑपरेटर सक्रिय रहे।

बवालियों के पास मिले आपत्तिजनक हथियार

संभल पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि बवाल करने के वाले लोगों को पकड़ा भी गया है। उनके पास से कुछ आपत्तिजनक हथियार भी मिले हैं। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि बवालियों ने इस बवाल के लिए ही इन सभी हथियारों का जखीरा तैयार किया होगा। पथराव के लिए भी पहले से योजना बना कर ईंट पत्थर एकत्र कर रखे गए थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।