आसाराम की जमानत रद कराने की पहल के बाद परिवार को 'जान का खतरा'; SP ने बढ़ाई सुरक्षा
आसाराम की जमानत रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पीड़ित परिवार ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और जान का खतरा बताया है। खतरे को देखते हुए, ...और पढ़ें
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आसाराम बापू
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। आसाराम की जमानत रद करके उसे दोबारा जेेल भिजवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किए जाने के बाद पीड़िता के पिता ने परिवार की जान को खतरा बताया है। उनकी चिंता को देखते हुए एसपी राजेश द्विवेदी ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने निगरानी को और अधिक कड़ा करने के निर्देश दिए। फाेन काल मिल रहीं धमकियों की जानकारी दिए जाने के बाद सर्विलांस को भी सक्रिय कर दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
जमानत पर घूम रहे आसाराम को जेल भेजने के लिए पीड़िता के पिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने बताया कि अलग-अलग नंबरों से धमकी मिल रही हैं। आसाराम के गुर्गे उनके व उनके परिवार के ऊपर नजर बनाए हुए हैं। वे लोग कभी भी किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
इसको लेकर मंगलवार को एसपी राजेश द्विवेदी ने पीड़िता के परिवार की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि पीड़ित के पिता के पास दो गनर हैं। जबकि परिवार पर एक गारद तैनात रहती है। निजी कैमरों के अतिरिक्त पुलिस की ओर से भी पांच सीसीटीवी लगवाए गए हैं।
एसपी ने कहा कि कैमरों की रिकार्डिंग लगातार चालू रहे। उन्होंने कहा कि आसपास कोई संदिग्ध नजर आता है तो उस पर कड़ी नजर रखें। संदिग्ध काल पर भी सर्विलांस की निगरानी कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। चौक कोतवाली निरीक्षक अश्वनी सिंह व खुफिया विभाग की टीम ने भी पीड़िता के पिता से बात की। उन्हें आश्वस्त किया कि पुलिस बराबर उनके साथ है।
आसाराम के अनुयायी रहे परिवार की नाबालिग बेटी से अगस्त 2013 में आसाराम ने राजस्थान के जोधपुर में दुष्कर्म किया था। उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था। इस मामले में वर्ष 2018 में उसको जाेधपुर के न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उसके बाद से वह वहां की जेल में बंद था।
स्वयं को बीमार बताते हुए उपचार के लिए उसने पहले पेरोल लिया था। बाद में उसको अंतरिम जमानत दे दी गई थी। जिसको लेकर पीड़िता के पिता ने आपत्ति की है। उन्होंने कहा कि आसाराम के गुर्गे कई बार धमकियां दे चुके। वे लोग उन पर व उनके परिवार पर हमला कर सकते हैं।
इसको देखते हुए उन्होंने अधिवक्ता एल्जो जोसफ के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें आसाराम को पूरी तरह से स्वस्थ बताते हुए उसकी जमानत खारिज करने की मांग की है। जिसमें कहा है कि आसाराम को अगर कोई बीमारी है तो जेल में उसका अन्य बंदियों की तरह उपचार किया जाना चाहिए।
हमने पीड़िता के परिवार से बात की है। उनकी सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। वर्तमान सुरक्षा इंतजामों से वह संतुष्ट हैं। अगर उन्हें आवश्यकता लगती है तो पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- राजेश द्विवेदी, एसपी
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