शाहजहांपुर में सांड़ की टक्कर से अनियंत्रित बाइक पेड़ से टकराई, युवक की गई जान
शाहजहांपुर में मदनापुर-बुधवाना मार्ग पर रविवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। गिरधरपुर गांव के रविरतन की सांड़ से टक्कर के बाद बाइक पेड़ से टकराने से मौत हो गई। वह अपनी ममेरी बहन की शादी से लौट रहे थे। जिले में बेसहारा पशुओं के कारण यह तीसरी घटना है, जिससे लोगों में आक्रोश है। प्रशासन द्वारा पशुओं को संरक्षित करने के प्रयासों पर सवाल उठ रहे हैं।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। सड़क पर घूम रहे बेसहारा पशुओं के कारण गिरधरपुर गांव निवासी रविरतन की जान ले ली। ममेरी बहन की शादी से वापस घर जाते समय बुधवाना मार्ग पर पहुंचे तो सांड़ ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी, जिससे वह अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराए। मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।
लगभग एक घंटे बाद वहां से निकले ग्रामीण की जानकारी पर स्वजन व पुलिस मौके पर पहुंचे। पांच दिन के अंदर बेसहारा पशुओं के कारण यह तीसरी घटना हुई है। जिले में बेसहारा पशुओं से आये दिन हादसे हो रहे हैं, जिसमे लोगों की जान भी जा रही हैं, लेकिन उसके बाद भी प्रशासन पशुओं को संरक्षित करने पर ठीक से ध्यान नहीं दे रहा है।
गिरधरपुर निवासी रविरतन यादव की ममेरी बहन की कांट क्षेत्र के कुतुआपुर गांव में शादी थी। रविरतन उसमें शामिल होने गए थे। रात में देर अधिक हो जाने पर अकेले बाइक से वापस घर जा रहे थे। मदनापुर-बुधवाना मार्ग स्थित फाजिलपुर गांव के पास पास पहुंचे तो पशुओं के झुंड में से एक सांड़ तेजी से भागता हुआ आया और उनक बाइक में टक्कर मार दी।
अनियंत्रित रविरतन बाइक सहित सड़क किनारे पेड़ से टकरा गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। खेती करके परिवार का पालन करने वाले रविरतन का चार वर्ष का बेटा लविश है। पत्नी ममता का हाल बेहाल है।
इससे पहले 27 नवंबर को जलालाबाद के खेड़ा निवासी आशुतोष पाठक की जलालाबाद-शाहजहांपुर मार्ग स्थित उबरिया मंदिर के पास सांड़ से टकराकर मृत्यु हो गई थी। गढ़िया रंगीन क्षेत्र के गौटिया गांव निवासी राजू कश्यप 26 नवंबर को सांड़ के हमले से घायल हो गए थे। अगले दिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। इससे पूर्व भी बेसहारा पशुओं के कारण कई लोगो की जान जा चुकी है।
बेसहारा पशुओं को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मनरेगा के तहत भी गोशालाओं का निर्माण कराया जा रहा है। किसानों से भी अपील की जा रही है कि वह पशुओं को खुला न छोड़े।
-डाॅ. राजेंद्र प्रसाद, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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