बिजली लाइन की चिंगारी से 700 बीघा गेंहू की फसल जली, किसान को आया हार्ट अटैक; कई घंटों तक नहीं पहुंची दमकल की गाड़ी
UP News तेज हवा से जमीन छू रही बिजली विभाग की लाइन में दो अलग-अलग स्थानों पर चिंगारी उठी जिससे झिंझाना के दो गांव और चौसाना क्षेत्र के भी दो गांव के जंगल में खड़ी गेहूं की फसल में आग लग गई। तेज हवाओं के चलते जब तक किसानों ने आग पर काबू पाया तब तक करीब 700 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई थी।
संवाद सूत्र, झिंझाना/चौसाना (शामली)। तेज हवा से जमीन छू रही बिजली विभाग की लाइन में दो अलग-अलग स्थानों पर चिंगारी उठी, जिससे झिंझाना के दो गांव और चौसाना क्षेत्र के भी दो गांव के जंगल में खड़ी गेहूं की फसल में आग लग गई। तेज हवाओं के चलते जब तक किसानों ने आग पर काबू पाया तब तक करीब 700 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई थी। पकी फसल में आग लगी देख एक किसान को हार्ट अटैक आ गया। वहीं , बर्बाद हुई फसल की कीमत 60 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
जनपद के चार गांवों के लिए बुधवार को चली तेज हवाएं कहर बन गई। झिंझाना क्षेत्र गांव दभेड़ी बुजुर्ग और सींगरा के जंगल में बिजली की लाइन हैं। लाइन काफी ढीली और जर्जर हैं। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे तेज हवा के झोकों से बिजली लाइन के तार आपस में टकरा गए। इससे बिजली की लाइन से उठी चिंगारी खेतों में खड़ी गेहूं की फसल में लग गई।
तेज हवाओं के चलते आग पर काबू पाने के लिए किसानों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। फसल में आग लगी देख किसान हरदीप सिंह निवासी गांव दरड़ जनपद हरियाणा को मौके पर ही हार्ट अटैक आ गया, जिसे आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे ग्रामीणों ने झिंझाना स्थित सीएचसी में भर्ती कराया। उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
दभेड़ी बुजुर्ग और सींगरा के करीब 200 किसानों की करीब 550 बीघा गेहूं की पकी फसल जलकर राख हो गई। उधर, दूसरा हादसा चौसाना क्षेत्र के गांव भड़ी और मुस्तफाबाद में हुआ। गांव भड़ी के जंगल में बिजली लाइन से शाम करीब चार बजे चिंगारी उठी। इससे गेहूं की फसल में आग लग गई और आग फैलकर पड़ोसी गांव मुस्तफाबाद के जंगल तक पहुंच गई। किसानों ने ट्रैक्टर से हैरो चलाकर फसल पर काबू पाया। जब तक आग पर काबू पाया गया तब तक करीब 150 बीघा फसल जल गई थी।
तीन घंटों तक बरपा कहर, नहीं पहुंची दमकल की गाड़ी
झिंझाना क्षेत्र के गांव दभेड़ी बुजुर्ग और सींगरा गांव के जंगल 550 बीघा फसल जल गई। करीब तीन घंटों तक किसानों ने ट्रैक्टर में हैरो जोड़कर फसल पर चलाया। ट्रैक्टर से स्प्रे मशीन से पानी की बौझार आग पर फेंकी गई। करीब तीन घंटों तक किसानों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया।
किसानों का आरोप है कि दमकल विभाग को सूचना दी लेकिन वह नहीं पहुंची। उधर, चौसाना क्षेत्र के किसानों में भी बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। दभेड़ी बुजुर्ग और सींगरा गांव के जंगल में लगी आग की सूचना पर दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।
रोते रहे किसान परिवार, कुछ झुलसे भी
गनीमत रही कि दिन में आग लगने से आसपास क्षेत्र के किसान भी ट्रैक्टर-हैरो, स्प्रे मशीन और फावड़े लेकर मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। यदि किसान जिला प्रशासन और दमकल विभाग के भरोसे होते तो आग का दायरा काफी बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
पकी फसल में आग लगने से किसानों के परिवार कड़ी धूप में आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे। करीब तीन माह की कड़ी मेहनत से उगाई गई फसलों को जलती देख किसानों के परिवार की आंखों में आंसू आ गए। इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद कोई भी जिला प्रशासनिक अधिकारी अथवा जनप्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा।
इनका हुआ अधिक नुकसान
झिंझान क्षेत्र के किसान कश्मीर सिंह, अफजाल, खलील, तमकीन, मुमताज और गांव दभेड़ी के किसान ग्राम प्रधान रूम सिंह, कर्णजीत सिंह, नवतेज सिंह, हरदीप सिंह, राजकुमार वाल्मिकी और प्रभू सिंह की 50 से 100 बीघा तक गेहूं की फसल जल गई।
इन्होंने कहा...
तहसील स्तर से किसानों के हुए नुकसान का आंकलन किया जाएगा। बिजली विभाग किसानों को मुआवजा देगा। जल्द ही टीम मौके पर भेजी जाएगी।
-नरेश कुमार, अधीक्षण अभियंता
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