कोडीन सिरप बेचने वाली फर्म पर कार्रवाई, लाइसेंस होगा निरस्त; उन्नाव की कई दवा कंपनियां जांच के घेरे में
उन्नाव में कोडीन युक्त खांसी की सिरप बेचने वाली एक फार्मा फर्म पर बड़ी कार्रवाई की गई है। औषधि निरीक्षक ने नियमों के उल्लंघन के आरोप में फर्म का लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि जिले की अन्य कुछ फार्मा कंपनियां भी जांच के दायरे में हैं।

उन्नाव में कोडिन युक्त सिरप की बिक्री पर कार्रवाई। प्रतीकात्मक
संवाद सहयोगी, जागरण, बांगरमऊ(उन्नाव)। कोडीन युक्त सिरप की बिक्री करने और बिक्री के अभिलेख न दिखा पाने वाली फर्म मेसर्स अंबिका हेल्थ केयर के प्रोपराइटर पर औषधि निरीक्षक द्वारा बांगरमऊ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद आरोपित प्रोपराइटर भूमिगत हो गया है। उसने दवा दुकान से अपनी फर्म का बोर्ड भी हटवा दिया। औषधि निरीक्षक ने थोक दवा लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट आयुक्त एवं सहायक आयुक्त आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को भेज दी है।
विभाग को उम्मीद है कि अभी कोडीन युक्त कफ सिरप जिले की कुछ अन्य फर्म को भी सप्लाई की गई होगी। इसको लेकर भी जांच की जा रही है। उधर पुलिस ने भी विवेचना शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि आरोपित के मिलने पर ही पता चलेगा कि उसने यह कफ सिरप कहां और किसको बेचा है। हालांकि औषधि निरीक्षक ने कहा कि दस माह में 12000 बोतल की बिक्री होने से ही संदेह की उसकी सप्लाई नशे में इसका उपयोग करने वालों में की गई है।
औषधि निरीक्षक अशोक कुमार ने बांगरमऊ क्षेत्र की मेसर्स अंबिका हेल्थ केयर के प्रोपराइटर अजयकुमार निवासी परशुराम फतेहपुर चौरासी के खिलाफ बांगरमऊ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। सिंधूपुर बेरियागाड़ा बांगरमऊ के जिस घर में दुकान किराए पर लेकर थोक दवा स्टोर बनाया था प्रोपराइटर ने वह दुकान भी खाली कर दी। शनिवार को मकान मालिक ने यह जानकारी दी।
शनिवार को जिस दुकान में थोक दवा स्टोर था वहां दूध डेयरी का बोर्ड लगा मिला। दर असल डीआइ अशोक कुमार ने फर्म संचालक को 17 अक्टूबर को नोटिस देकर दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी थी। उसी के बाद संचालक दुकान खाली कर गया। उक्त मुकदमा की विवेचना बांगरमऊ के उपनिरीक्षक वीरेंद्र विक्रम सिंह को दी गई है। उपनिरीक्षक ने बताया जांच चल रही है उसमें जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
औषधि निरीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि रायबरेली में छापा मारा गया था। जहां से मिले बिल के अनुसार दस माह में 12000 बोतल कोडीन युक्त कफ सिरप की खरीद बांगरमऊ क्षेत्र के मेसर्स अंबिका हेल्थ केयर द्वारा किए जाने की पुष्टि हुई थी। जांच में प्रोपराइटर बिक्री के कोई अभिलेख नहीं दिखा सके। जबकि नियमानुसार बिना बिल के कोडीन युक्त कफ सिरप की बिक्री करना प्रतिबंधित है।
डीआइ ने कहा कि बिक्री के अभिलेख न दिखाने से ऐसा अनुमान है कि इसकी बिक्री नशे के लिए उपयोग करने वालों को की गई जो अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है अन्य फर्मों ने भी खरीद और बिक्री की हो उसकी भी जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि फर्म का लाइसेंस निरस्त करने रिपोर्ट आयुक्त और सहायक आयुक्त को भेज दी है। उम्मीद है कल तक लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपित को पकड़ कर जब पूछताछ करेगी तो पता चलेगा उसने बिक्री कहां की है। उसके बाद जहां बिक्री की होगी वहां जांच की जाएगी।

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