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    काशी तमिल संगमम् का शुभारंभ, काशी में उमड़ पड़ा दक्ष‍िण भारत

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 12:24 PM (IST)

    काशी तमिल संगमम् का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसमें दक्षिण भारत से आए लोगों का काशी में अभूतपूर्व संगम देखने को मिला। यह आयोजन काशी और दक्षिण भारत की संस्कृतियों को एक साथ लाने का एक अनूठा प्रयास है, जिससे दोनों क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।

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    वाराणसी में तम‍िल युवाओं के आगमन के साथ ही काशी में दक्ष‍िण भारत उमड़ पड़ा है। 

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी तमिल संगमम् 4.0 का उद्घाटन समारोह मंगलवार को हो रहा है। इस आयोजन में सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन.रवि, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, उप राज्यपाल पुडुचेरी के. कैलाशनाथन, उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बृजेश पाठक की मौजूदगी में नमो घाट पर दोपहर 2:30 बजे शुरू हो रहा है। 

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    उत्तर और दक्षिण के संबंधों को मजबूत करने के लिए काशी तमिल संगमम् के चौथे संस्करण का शुभारंभ मंगलवार को नमो घाट पर होगा। काशी में होने वाले इस आयोजन में शामिल होने के लिए 1400 से अधिक प्रतिनिधि तमिलनाडु से आएंगे। इस बार इसकी थीम ‘तमिल करकलाम’ यानी तमिल सीखें है। वाराणसी में तम‍िल युवाओं के आगमन के साथ ही काशी में दक्ष‍िण भारत उमड़ पड़ा है। 

    इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन. रवि, पुडुचेरी के उप राज्यपाल के. कैलासनाथन सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन समारोह में काशी और तमिलनाडु के पारंपरिक कलाकार एक साथ मंच पर प्रस्तुति देकर भारत की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक एकता का प्रदर्शन करेंगे।

    काशी तमिल संगमम् में भाग लेने के लिए छात्रों का पहला दल शनिवार की सुबह कन्याकुमारी से काशी के लिए विशेष ट्रेन (06001) से रवाना हुआ। इसमें कन्याकुमारी से 43, तिरुचिरापल्ली के 86 और चेन्नई के 87 छात्र हैं। छात्रों का यह दल मंगलवार को काशी भ्रमण के बाद शाम को नमो घाट पर शुभारंभ समारोह में शामिल होगा।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बीते रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि काशी-तमिल संगमम् उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण मंच बन चुका है, जिन्हें तमिल भाषा और संस्कृति से प्रेम है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की है कि काशी-तमिल संगमम में शामिल होकर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाएं।

    इसमें शामिल होने के लिए आने वाले प्रतिनिधिमंडल को सबसे पहले हनुमान घाट ले जाया जाएगा। वहां गंगा स्नान कर काशी स्थ्ति दक्षिण भारतीय मंदिरों में दर्शन पूजन करेंगे, वहां के इतिहास के बारे में जानेंगे। इसके बाद श्रीकाशी विश्वनाथ धाम जाएंगे। बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करेंगे और मां अन्नपूर्णा रसोई में भोजन ग्रहण करेंगे। इसके बाद बीएचयू में आयोजित अकादमिक सत्र का हिस्सा बनेंगे। 

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने एक दिवसीय काशी प्रवास में मंगलवार की दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब काशी आएंगे। पुलिस लाइन हेलीपैड पर उतरने के बाद वह सर्किट हाउस जाएंगे। वहां से वह शाम को चार बजे काशी तमिल संगमम् के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए नमो घाट पहुंचेंगे। उद्घाटन समारोह के बाद वह शाम को काल भैरव और श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन के लिए जाएंगे। दर्शन-पूजन के बाद सीधे बाबतपुर एयरपोर्ट से लखनऊ चले जाएंगे। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार की सुबह ही काशी आ गए।  

    तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सभ्यतागत संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और काशी हिंदू विश्वविद्यालय काशी-तमिल संगमम् के चौथे संस्करण का आयोजन कर रहा है।इसी क्रम में ऐतिहासिक कार रैली-ऋषि अगस्त्य वाहन अभियान (एसएवीई) का आयोजन कर रहा है। यह रैली दो दिसंबर को तेनकाशी (तमिलनाडु) से शुरू होगी और 10 दिसंबर को वाराणसी में इसका समापन होगा। इस रैली में 50 से अधिक कारें शामिल होंगी।

    रैली में शामिल वाहनों पर 100 से अधिक प्रतिभागी होंगे। सभी 2,460 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। यह पहल पांडियन शासक आदि वीर पराक्रम पांडियन को श्रद्धांजलि के रूप में आयोजित हो रही है।

    वीर पराक्रम ने तमिलनाडु से काशी तक की ऐतिहासिक यात्रा कर पूरे भारत में सांस्कृतिक एकता का संदेश दिया था। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने भगवान शिव के एक मंदिर का निर्माण कराया था जिसे विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। जहां यह मंदिर बना उस जगह का नाम उन्होंने तेनकाशी (दक्षिण काशी) रखा। इस ऐतिहासिक कार रैली में चेर, चोल, पांड्य, पल्लव, चालुक्य और विजयनगर काल के ऐतिहासिक संबंधों और सभ्यतागत जुड़ावों पर प्रकाश डाला जाएगा।

    साथ ही शास्त्रीय तमिल साहित्य, सिद्ध चिकित्सा और साझी विरासत के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा। रैली के दौरान एलईडी डिस्प्ले से सुसज्जित एक विशेष वाहन निर्दिष्ट स्थानों पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में शास्त्रीय ग्रंथों और प्राचीन स्थलों को प्रदर्शित करेगा। जैसे-जैसे काफिला आगे संभावना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस रैली में प्रयागराज से शामिल होंगे। वह स्वयं प्रयागराज से एक कार को चलाकर काशी तक आएंगे। काशी तमिल संगमम् का थीम इस बार “तमिल सीखें - तमिल करकलम” है।

    इसका उद्देश्य देश भर में तमिल को बढ़ावा देना, हमारी सांस्कृतिक एकता को उजागर करना, साथ ही शास्त्रीय तमिल ग्रंथों में निहित समृद्ध ज्ञान तक पहुंच को व्यापक बनाना और अन्य भारतीय भाषाओं के माध्यम से उनके प्रसार को प्रोत्साहित करना है। काशी तमिल संगमम का चौथा संस्करण सांस्कृतिक और शैक्षिक संगम है।  

    आयोजन में कई विभाग कर रहे सहयोग : आयोजन को केंद्रीय शिक्षा,संस्कृति मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण, पर्यटन, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यम, कौशल विकास एवं उद्यमिता, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है। आइआइटी मद्रास और बीएचयू इसकी कार्यान्वयन एजेंसियां हैं।