Move to Jagran APP

बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए शुरू हुआ काम, पढे़ं कहां बनेगा Toll Plaza-कितने होंगे फ्लाईओवर

Banaras-Calcutta Green Field Expressway बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के पहले चरण का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह परियोजना रेवासा चंदौली से शुरू होकर खैती कैमूर में खत्म होगी। इस एक्सप्रेसवे के बनने से कोलकाता तक की दूरी कम समय में तय की जा सकेगी। पहले चरण में 14 अंडरपास दो फ्लाईओवर और कर्मनाशा नदी में एक पुल बनेगा। देवई गांव में एक टोल प्लाजा भी बनेगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 26 Nov 2024 12:54 PM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नेशनल हाईवे पर सफर आसान होगा। लंबे इंतजार के बाद बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के पहला चरण (27 किलोमीटर) का कार्य शुरू हो गया। हरियाणा गुरुग्राम की कंपनी एनकेसी प्राइवेट लिमिटेड को वर्क ऑर्डर जारी हो गया है। सोमवार को जमीन की सफाई और समतलीकरण का कार्य शुरू किया गया। नवंबर 2026 तक छह लेन सड़क बनाई जाएगी।

यह परियोजना रेवासा चंदौली से शुरू होकर खैती कैमूर में खत्म होगी। रेवासा गांव में ही रिंग रोड का दूसरा चरण खत्म हो रहा है, यहीं से ग्रीनफील्ड सड़क का निर्माण आरंभ होने से कोलकाता तक दूरी कम समय पर तय की जा सकेगी। रिंग रोड का दूसरा चरण भी तैयार है, फरवरी 2025 में गंगा में पुल का कार्य पूर्ण होने के बाद राजातालाब से हरहुआ होते हुए रेवासा के मध्य कई नेशनल हाईवे कनेक्ट हो जाएंगे।

इन जगहों पर जाने में होगी आसानी

ऐसी स्थिति में गाेरखपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, लखनऊ व दिल्ली से आने वाले वाहन इसी रास्ते चंदौली होते हुए बिहार, झारखंड और बंगाल तक जा सकेंगे, उन्हें शहर में भी दाखिल नहीं होना पड़ेगा।

एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की वाराणसी इकाई को चंदौली में 160 हेक्टेयर जमीन मिल चुकी है। किसानों को 220 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है। शुरुआती दौर में 60 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी और फ्लाईएश से सड़क की स्ट्रेच तैयार की जाएगी। 14 अंडरपास, दो फ्लाईओवर और कर्मनाशा नदी में एक पुल बनेगा। एक्सेस कंट्रोल तकनीक होने के कारण पहले चरण में सिर्फ दो इंटरचेंज बनाया जाएगा। यानी, रेवासा और खैती गांव में ही वाहनों को एक्सप्रेसवे पर चढ़ने और उतरने की सुविधा दी जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 फरवरी 2024 को प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था, लेकिन एनजीटी की आपत्ति की वजह से काम शुरू नहीं हो सका। पर्यावरण मंत्रालय ने 12 नवंबर को एनओसी मिलने के बाद कार्यदायी एजेंसी को कार्य आरंभ करने के लिए पत्र जारी कर दिया गया।

देवई में बनेगा टोल प्लाजा, 60 प्रतिशत लागत राशि लगाएगी कंपनी

एनएचएआइ वाराणसी के परियोजना निदेशक प्रवीण कुमार कटियार ने बताया कि चंदौली के हिस्से में कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन बिहार में सड़क तब तक नहीं बन सकती है जब तक मुआवजा राशि को लेकर किसानों की आपत्ति दूर नहीं होगी।

दूसरे और तीसरे चरण का कार्य इसी गतिरोध की वजह से नहीं शुरू हो पा रहा है। फिलहाल, पहले चरण की लागत 994 करोड़ है, इसमें 40 प्रतिशत बजट केंद्र सरकार देगी जबकि 60 प्रतिशत धनराशि कंपनी को लगानी होगी। कंपनी को 15 साल में किस्त वाइज लागत राशि वापस की जाएगी। देवई गांव में एक टोल प्लाजा भी बनेगा।

इसे भी पढ़ें: वाराणसी में शर्मसार कर देने वाली वारदात, छह साल की मासूम से दरिंदगी; आरोपित हिरासत में

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।