17 दिनों बाद घर पहुंचा उत्तराखंड के नंदन का शव, साउथ अफ्रीका में नाव पलटने से हुए हादसे में गई थी जान
बागेश्वर के कौलाग गांव निवासी नंदन सिंह का पार्थिव शरीर 17 दिन बाद पहुंचा। नंदन साउथ अफ्रीका में मर्चेंट नेवी में कार्यरत थे। 16 अक्टूबर को शिप पर चढ़ते समय नाव पलटने से वह लापता हो गए थे। रविवार को कंपनी ने उनका शव परिवार को सौंपा। परिवार में मातम छाया है, और गांव शोक में डूबा हुआ है।

साउथ अफ्रीका में नाव पलटने से हुआ था हादसा। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, बागेश्वर। तहसील के कौलाग गांव निवासी युवक का पार्थिव शरीर 17 दिनों बाद रविवार की सुबह गांव पहुंचा। शव पहुंचते ही उनके घर में कोहराम मच गया। उनकी वृद्धा मां, पत्नी व बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। वह साउथ अफ्रीका में काम करता था।
कौलाग निवासी 37 वर्षीय नंदन सिंह दोसाद पुत्र हेम सिंह, मर्चेंट नेवी (स्कार्पियो कंपनी) में कार्यरत थे। इन दिनों वह साउथ अफ्रीका में थे। गत माह 16 अक्टूबर से स्वजन का उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया था। स्वजन को 16 अक्टूबर को स्कॉर्पियो कंपनी से जानकारी मिली थी कि शिप में चढ़ने के दौरान छोटी बोट लहरों में पलट गई। जिसमें कौलाग निवासी नंदन सिंह व अन्य लोग लापता हो गए थे। तब से उनके स्वजन लगातार उनसे नंदन सिंह का पता लगाने की मांग कर रहे थे।
रविवार की सुबह कंपनी की दो सदस्यीय टीम जैसे ही नंदन सिंह का पार्थिव शरीर लेकर उनके घर पहुंची, स्वजन उनके शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। पूरा गांव नंदन की मौत की खबर सुनकर शोक में डूब गया। नंदन सिंह के दो पुत्र हैं। बड़े पुत्र ऋतिक की आयु नौ वर्ष है जबकि छोटा पुत्र भावेश छह वर्ष का है। नंदन सिंह अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे।
पत्नी गीता देवी को बेहोशी के दौर पड़ रहे हैं। 70 वर्षीय माता हीरा देवी अपने लाडले की याद में बेसुध हो जा रही है। पूर्व विधायक ललित फर्सवाण, जिपंस जनार्दन लोहुमी, बबलू नेगी, सभासद अंकित जोशी ने नंदन के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कंपनी से नंदन की पत्नी को नौकरी देने और केंद्र व राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

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