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इस वर्ष Badrinath Dham पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या में आई गिरावट, पीछे थी यह वजह

Badrinath Dham इस वर्ष बदरीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में 4.05 लाख की गिरावट आई है। बीते वर्ष 18 लाख 34 हजार 729 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे जबकि इस बार यह संख्या 14 लाख 30 हजार रही। यात्रा अवधि 15 दिन कम रहने और आपदा के कारण लगातार हाईवे अवरुद्ध रहने से तीर्थयात्रियों की आमद कम हुई।

By Devendra rawat Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 17 Nov 2024 09:00 PM (IST)
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Badrinath Dham : शीतकाल के बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट। जागरण
संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। Badrinath Dham : शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ रविवार को उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा ने भी विराम ले लिया। यमुनोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट बीते तीन नवंबर और गंगोत्री धाम के कपाट बीते दो नवंबर को बंद किए जा चुके हैं।

इस वर्ष 14 लाख 30 हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। यह संख्या बीते वर्ष की तुलना में 4.05 लाख कम है। बीते वर्ष 18 लाख 34 हजार 729 तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे थे। तीर्थ यात्रियों की आमद घटने की मुख्य वजह वर्षा, भूस्खलन, भूधंसाव आदि कारणों से लगातार हाईवे का अवरुद्ध रहना और बीते वर्ष की अपेक्षा इस बार यात्राकाल का 15 दिन कम होना रही।

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12 मई को खोले गए थे कपाट

इस बार धाम के कपाट 12 मई को खोले गए थे। शुरुआती दो माह तो यात्रा अच्छी चली, लेकिन वर्षाकाल में भूस्खलन के कारण हाईवे के कई-कई दिन अवरुद्ध रहने का असर यात्रा पर भी पड़ा। सितंबर तक यही स्थिति बनी रही।

ऐसे में कई-कई दिन तो नाममात्र को ही तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। इसका नतीजा यह रहा कि वर्षाकाल के बाद तीर्थ यात्रियों की आमद उस तरह नहीं बढ़ी, जैसे बीते वर्षों में बढ़ती रही है। फिर इस बार यात्रा की अवधि बीते वर्ष की अपेक्षा 15 दिन कम भी रही। इससे तीर्थ यात्रियों की संख्या घटना स्वाभाविक था।

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केदारपुरी की तर्ज पर बदरीशपुरी का भी हो रहा कायाकल्प

केदारनाथ धाम की तुलना में भी यह संख्या दो लाख 22 हजार 76 कम है। केदारपुरी के नए रूप में संवरने और सुविधाओं के विकास के चलते बीते वर्ष से वहां बदरीनाथ की अपेक्षा अधिक तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। हालांकि, केदारपुरी की तर्ज पर अब बदरीशपुरी का भी कायाकल्प हो रहा है।

मंदिर जाने और लौटने के लिए भी अलग-अलग मार्ग

बदरीनाथ महायोजना के तहत आस्था पथ का निर्माण हो चुका है। मंदिर जाने और लौटने के लिए भी अलग-अलग मार्ग बन चुके हैं। इससे अब बदरीशपुरी भी नए रूप-रंग में सजी-संवरी नजर आ रही है।

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