आतंकवादियों से निपटने के लिए बना है स्पेशल हेली बोर्न ऑपरेशन, भारतीय सेना कजाकिस्तान से ले रही इसकी ट्रेनिंग
Kajind 2024 भारत और कजाकिस्तान की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास काजिंद-2024 में आतंकवाद से निपटने के लिए विभिन्न अभ्यास कर रही हैं। औली उत्तराखंड में आयोजित इस आठवें संस्करण में दोनों देशों की सेनाएं विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। अभ्यास में योग आर्मी मार्शल आर्ट रॉक क्राफ्ट ट्रेनिंग और विशेष हेली बोर्न ऑपरेशन जैसे अभ्यास शामिल हैं।
संवाद सहयोगी, जागरण, गोपेश्वर। Kajind 2024: जोशीमठ के औली में चल रहे संंयुक्त सैन्य अभ्यास ‘काजिंद-2024’ में भारत व कजाकिस्तान की सेना के जवान आतंकवाद से निपटने के लिए विभिन्न तरह के अभ्यास कर रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओंं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास का यह आठवां संस्करण है ।
औली की बफीर्ली ढलानों व जंगलों में 30 सितंबर से शुरु हुआ संयुक्त सैन्य अभ्यास 13 अक्टूबर तक चलेगा। जिनमें फाइव कुमाऊं रेजीमेंट की सैन्य टुकड़ी, वायुसेना व अन्य यूनिटों के जवान भी शामिल हैं। जबकि कजाकिस्तान की सेना की तरफ से 60 जवान इस सैन्य अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
पिछले साल कजाकिस्तान में हुई थी मिलिट्री एक्सरसाइज
पिछले साल जुलाई में दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह मिलिट्री एक्सरसाइज कजाकिस्तान में हुई थी। इस बार के संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों द्वारा विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी अभियान पर जोर दिया जा रहा है। पिछले चार दिन के सैन्य अभ्यास में दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों ने योग, आर्मी मार्शल आर्ट, रॉक क्राफ्ट ट्रेनिंग, स्पेशल हेली बोर्न ऑपरेशन आदि अभ्यास किए हैं।
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक योगा सत्र ने दोनों देशों के सैनिकों को शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही आध्यात्मिक संतुलन व शारीरिक लचीलेपन को बढ़ाने के बारे में अभ्यास कराया जा रहा है।
आपात स्थिति में सैनिकों को तुरंत तैनात करने का अभ्यास
वहीं भारतीय सैनिकों ने कजाकिस्तान दल के सामने आर्मी मार्शल आर्ट रूटीन में अपने शानदार कौशल का प्रदर्शन किया, जिसमें हाथों-हाथ आमने-सामने का मुकाबला करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। रॉक क्राफ्ट प्रशिक्षण में सैनिकों को ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों में कार्य करने के लिए जरूरी कौशल से लैस किया गया है। जो कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान कठिन वातावरण में संचालन करने की सैनिकों की क्षमता में वृद्धि करता है।
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इसके अलावा विशेष हेली बोर्न ऑपरेशन के जरिए किसी भी आपात स्थिति में सैनिकों को तुरंत तैनात करने का अभ्यास कराया गया। जिसमें हेलीकाप्टर के माध्यम से आपात स्थिति वाले क्षेत्र में सैनिकों को ड्राप कर पोजीशन संभालने के बारे में बताया गया है।
आने वाले दिनों में भी दोनों देशों की सेनाओं की इसी तरह के दूसरे सैन्य अभ्यास कराए जाएंगे। जिससे आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए भारत व कजाकिस्तान की सेना के जवानों की क्षमता व दक्षता और बढ़ सके।