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Inflation Rate in Uttarakhand: सबसे कम महंगाई वाले प्रदेशों में तीसरे स्थान पर उत्तराखंड, उड़ीसा बना सबसे अधिक महंगाई वाला प्रदेश

Inflation Rate in Uttarakhand देश में सबसे कम महंगाई वाले राज्यों की सूची में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2022 के जनवरी माह में उत्तराखंड में महंगाई की मार कई प्रदेशों से अधिक रही थी। तब शहरी क्षेत्रों में महंगाई की दर 7.62 प्रतिशत हो गई थी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 6.38 प्रतिशत थी। अब महंगाई की दर 3.61 प्रतिशत रहने से प्रदेशवासियों को राहत मिली है।

By Ravindra kumar barthwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 22 May 2024 07:43 AM (IST)
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Inflation Rate in Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के महंगाई नियंत्रण के प्रयासों को मिली सफलता

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून: Inflation Rate in Uttarakhand: उत्तराखंड में महंगाई को नियंत्रित करने के सरकार के प्रयासों को सफलता मिली है। देश में सबसे कम महंगाई वाले राज्यों की सूची में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर है। महंगाई की दर 3.61 प्रतिशत रहने से प्रदेशवासियों को राहत मिली है।

देश में कई राज्य ऐसे हैं, जहां पिछले छह महीनों में महंगाई बहुत तेजी से बढ़ी है। केंद्रीय सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो उड़ीसा 7.11 दर के साथ सबसे अधिक महंगाई वाला प्रदेश है।

कई प्रदेशों से अधिक थी उत्तराखंड में महंगाई की मार

वर्ष 2022 के जनवरी माह में उत्तराखंड में महंगाई की मार कई प्रदेशों से अधिक रही थी। तब शहरी क्षेत्रों में महंगाई की दर 7.62 प्रतिशत हो गई थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर 6.38 प्रतिशत थी। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए कई कदम उठाए।

परिणामस्वरूप प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई की दर 3.75 प्रतिशत पर आ गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 182.5 है। इसी प्रकार प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में महंगाई की दर में और अधिक कमी आई।

शहरी क्षेत्रों में गत अप्रैल माह में यह 3.29 प्रतिशत रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 185.1 रहा। प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संयुक्त रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 183.5 रहा है।

प्रदेश के बाजारों को रखा बिचौलियों के नियंत्रण से बाहर

प्रदेश में महंगाई दर में कमी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सुशासन के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के बाजारों को बिचौलियों के नियंत्रण से बाहर रखा गया। वहीं, स्थानीय उत्पादों को बेहतर विपणन व्यवस्था उपलब्ध कराने से सरकार को महंगाई दर में कमी लाने में सफलता मिली है।