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Uttarakhand के 3000 परिवार कर रहे वन अधिनियम की धारा हटाकर मालिकाना हक देने की मांग, पढ़िए क्‍या है माजरा?

Uttarakhand News उत्तराखंड के चंद्रबनी वार्ड में 3000 परिवार वन अधिनियम की धारा-4 को हटाकर मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं। उन्होंने रैली निकालकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया और राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। वर्षों से निवासरत परिवारों को वन आरक्षित क्षेत्र के तहत उन्हें बेघर करने की तैयारी है। नगर निगम की ओर से बिजली-पानी के कनेक्शन पर एनओसी नहीं दी जा रही है।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 17 Nov 2024 01:02 PM (IST)
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Uttarakhand News: चंद्रबनी के तीन हजार परिवारों को मालिकाना हक देने की मांग
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand News: चंद्रबनी वार्ड में वन क्षेत्र से सटे इलाके को लेकर चल रहे विवाद पर क्षेत्रवासियों ने मोर्चा खोल दिया है। करीब 3,000 परिवारों ने वन अधिनियम की धारा-4 को हटाकर उन्हें मालिकाना हक देने की मांग की है।

इसके लिए उन्होंने रैली निकालकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया और राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। वर्षों से निवासरत परिवारों को वन आरक्षित क्षेत्र के तहत उन्हें बेघर करने की तैयारी है।

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राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

शनिवार को चंद्रबनी वार्ड के ग्रामीणों ने निवर्तमान पार्षद सुखबीर बुटोला के नेतृत्व में परेड मैदान से जिलाधिकारी कार्यालय कूच किया। जहां प्रदर्शन कर ग्रामीणों ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में मांग की गई कि चंद्रबनी वार्ड में वन अधिनियम-1927 के तहत धारा-4 को समाप्त कर मालिकाना हक प्रदान किया जाए।

उन्होंने कहा कि पिछले 60 वर्षों से यहां पर 3,000 परिवार निवासरत हैं, जो पिछले कई वर्षों से धारा-4 को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि हाल ही के वर्षों में नगर निगम की ओर से भी बिजली-पानी के कनेक्शन पर एनओसी नहीं दी जा रही है।

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अधिकारियों की ओर से भी किया जा रहा परेशान

उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों की ओर से भी क्षेत्रवासियों को परेशान किया जा रहा है। चंद्रबनी मुख्य मार्ग पर स्वीकृत शहीद द्वार का निर्माण भी वन विभाग के अधिकारी नहीं होने दे रहे हैं। पूर्व में बनी सड़कों के निर्माण में भी बाधा उत्पन्न की जा रही है, जिससे क्षेत्रवासी परेशान हैं।

रैली में पूर्व ब्लाक प्रमुख विपिन कुमार, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता मदन सिंह, रामपाल राठौर, आशीष तोमर, ललित श्रीवास्तव, किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी, विलोचन प्रसाद शर्मा, अनिल ढकाल, अजय गोयल, अनीष भटनागर, माधुरी नेगी आदि शामिल थे।

आदिवासी समुदायों की कला, संस्कृति और शिल्प का दिखा संगम

देहरादून: आदि गौरव महोत्सव का दूसरा दिन उत्तराखंड की आदिवासी विरासत का जीवंत उत्सव रहा। इसमें आदिवासी समुदायों की समृद्ध परंपरा और कलात्मकता का प्रदर्शन देखने को मिला। जौनसारी, भोटिया, बुकसा, थारू और राजी समुदायों के आदिवासी समूहों ने अपनी जीवंत वेशभूषा, लयबद्ध नृत्य और भावपूर्ण संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

वहीं शाम को सुप्रसिद्ध लोकगायिका माया उपाध्याय के लोकगीतों पर दर्शक झूमने को मजबूर हो गए। उनके साथ प्रसिद्ध कलाकार नरेश बादशाह और विवेक नौटियाल ने भी प्रस्तुति दी।

राज्य जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) की ओर से ओएनजीसी स्टेडियम में आयोजित आदि गौरव महोत्सव में शनिवार को मुख्य अतिथि विधायक खजानदास ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि ये महोत्सव आदिवासी समुदायों की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने की एक अद्भुत पहल है।

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