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उत्तराखंड के निकाय चुनाव की तारीखों को लेकर बड़ा अपडेट, आखिर कहां फंसा है पेंच?

उत्तराखंड में निकाय चुनावों की तारीखों पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। ओबीसी आरक्षण का निर्धारण न होने के कारण चुनाव 25 दिसंबर तक संभव नहीं दिख रहे हैं। सरकार अध्यादेश ला रही है लेकिन राजभवन की मंजूरी का इंतजार है। परिसीमन निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण हो चुका है। SC के आदेश के अनुसार निकायों में आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है।

By kedar dutt Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 25 Nov 2024 03:13 PM (IST)
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उत्तराखंड निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण अड़ंगा। जागरण
राज्य ब्यूरो, देहरादून। स्थानीय निकाय चुनाव के लिए कसरत भले ही अंतिम दौर में हो, लेकिन जैसी परिस्थितियां हैं, उनमें 25 दिसंबर तक चुनाव के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अभी तक नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का निर्धारण नहीं हो पाया है और कहा जा रहा है कि इसमें कुछ और वक्त लगेगा।

इस सिलसिले में नगर पालिका व नगर निगम अधिनियम में संशोधन के दृष्टिगत सरकार अध्यादेश ला रही है, जिस पर राजभवन की हरी झंडी की प्रतीक्षा है। इस पूरे परिदृश्य के बीच निकाय चुनाव अब अगले साल जनवरी या फरवरी तक खिसक सकते हैं।

प्रदेश में वर्तमान में क्रियाशील स्थानीय नगर निकायों की संख्या 105 है, जिनमें से बदरीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री में चुनाव नहीं होते। शेष 102 निकायों में चुनाव के दृष्टिगत परिसीमन, निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य हो चुका है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निकायों में ओबीसी (अदर बैकवर्ड क्लास) के लिए आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। इस संबंध में गठित एकल समर्पित आयोग अपनी रिपोर्ट भी शासन को सौंप चुका है। ओबीसी आरक्षण निर्धारण के सिलसिले में पूर्व में सरकार ने अध्यादेश के जरिये निकाय अधिनियम में संशोधन किया था। जब यह अध्यादेश विधेयक के रूप में विधानसभा के सत्र में रखा गया तो नगर निगम अधिनियम पारित नहीं हो पाया था।

फिर यह प्रकरण विधानसभा की प्रवर समिति को सौंप दिया गया। प्रवर समिति ने इस विषय पर अध्ययन जारी रखने के साथ ही संस्तुति की कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर निकाय चुनाव कराए जाएं। इसके कुछ समय बाद सरकार ने ओबीसी आरक्षण निर्धारण के दृष्टिगत फिर से निकाय अधिनियम में संशोधन अध्यादेश राजभवन भेजा।

यही नहीं, इस बीच विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव की आचार संहिता के चलते निकाय चुनाव की कसरत अटक गई। सूत्रों के मुताबिक अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी की प्रतीक्षा है। इसके पश्चात आरक्षण नियमावली में भी संशोधन होना है।

सूत्रों ने बताया कि यदि इस माह के आखिर तक अध्यादेश व नियमावली को मंजूरी मिल भी गई तो फिर आरक्षण निर्धारण में समय लगेगा। ओबीसी आरक्षण का निर्धारण होने के बाद इस पर आपत्तियां व दावे प्राप्त करने और फिर इनके निस्तारण में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा।

फिर पदों के आरक्षण के संबंध में यही प्रक्रिया होगी। ऐसे में निकाय चुनाव की अधिसूचना 15 दिसंबर के आसपास ही जारी होने की संभावना है। यद्यपि, पूर्व में शासन ने हाईकोर्ट में चल रहे मामले में साफ किया था कि 25 दिसंबर तक निकाय चुनाव करा लिए जाएंगे, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह संभव नहीं दिख रहा।

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