Rajnath Singh: पतंजलि गुरुकुलम की रक्षामंत्री ने रखी आधारशिला, की बाबा रामदेव की तारीफ; सनातन को लेकर कही ये बात
Rajnath Singh पतंजलि गुरुकुलम के भव्य आधुनिक भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। राजनाथ सिंह ने कहा कि संस्कृत ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय पतंजलि गुरुकुलम के भव्य आधुनिक भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। शनिवार को इस कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए देश के गुरुकुल आगे आए।
राजनाथ सिंह ने कहा कि संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है दुनिया के कई विद्वानों ने प्रकृति और सृष्टि को समझने के लिए संस्कृत का ही अध्ययन किया। उन्होंने कहा कि संस्कृत का अहम स्थान है योग दर्शन भी महर्षि पतंजलि ने संस्कृत में ही लिखा था। उन्होंने संस्कृत पढ़ने लिखने और बोलने वालों की कम होती संख्या को लेकर चिंता जताई।
बाबा रामदेव ने योग को नई पहचान दी
राजनाथ सिंह ने कहा कि देवभाषा की यह स्थिति देखकर मन में पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि आचार्य गण देव भाषा संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए ईमानदार प्रयास करें। उन्होंने कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव वेद और योग को सरलता से जनमानस तक पहुंचा रहे हैं इसके लिए वह साधुवाद के पात्र हैं । उन्होंने कहा कि आक्रांताओं के प्रभाव के कारण योग का प्रभाव कम हो गया था उसे आज बाबा रामदेव आधुनिक रूप में आम जनमानस तक आधुनिक रूप में पहुंचा रहे हैं।
गुरुओं के नाम पर ही सनातन की पहचान है
गुरु शिष्य परंपरा पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि गुरुओं के नाम पर ही सनातन की पहचान है ।सभी धर्म में मतभेद हो सकता है लेकिन गुरु को सभी ने स्वीकार किया है। गुरुकुल परंपरा ने भारत का पूरे विश्व में स्थान दिलाया है। वर्तमान परिस्थितियों में संस्कृत विकास में गुरुकुल की परंपरा हम है उन्होंने संस्कृत संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करने की भी बात कही। जिससे आने वाली पीढ़ी संस्कृति के महत्व को समझ सके इसमें देश के गुरुकुल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मैकाले शिक्षा पद्धति ने देश को गुलाम बनाया
नई शिक्षा नीति पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कई राज्यों ने नई शिक्षा नीति के तहत अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि इसमें अचानक परिवर्तन संभव नहीं है। मैकाले शिक्षा पद्धति ने देश को राजनीतिक और मानसिक रूप से गुलाम बनाया। स्वामी दर्शनानंद ने गुरुकुल की स्थापना कर इस दिशा में प्रकाश फैलाया। जो आज भी युवाओं को प्रकाशित कर रहा है।

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