'उत्तराखण्ड के सच्चे हितैषी....' त्रिवेंद्र पंवार के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों ने कुछ इस तरह बयां किया दर्द
उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र सिंह पंवार के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों ने शोक जताया। उनके राज्य आंदोलन में योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। देहराादून के शहीद स्मारक और ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से शोक सभा आयोजित की गई। जिसमें त्रिवेंद्र सिंह पंवार के रविवार देर रात ऋषिकेश में सड़क दुर्घटना में मौत पर शोक जताया।
जागरण संवाददाता, मसूरी। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन के मजबूत स्तंभ रहे उक्रांद के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह पंवार के आकस्मिक निधन पर मसूरी में भी शोक की लहर छा गयी। उनके निधन पर राजनैतिक दलों सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गहरा दुःख व्यक्त किया है और कहा है कि उन्होंने पूरा जीवन उत्तराखंड राज्य निर्माण व उत्तराखण्ड के हक हकूकों के लिए समर्पित कर दिया। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने भू कानून को लेकर महत्वपूर्ण आंदोलन शुरू किया था।
त्रिवेंद्र पंवार के निधन पर राज्य आंदोलनकारी जयप्रकाश उत्तराखंडी ने कहाकि उनके निधन से उत्तराखंड की क्षेत्रीय राजनीति को बड़ा आघात लगा है। राज्य आंदोलन के दौरान त्रिवेंद्र पंवार मेरे साथ जेल में रहे। उनके चले जाने से उत्तराखंड के भू-कानून आंदोलन, जल जंगल जमीन व हक हकूकों की मांग सहित राज्य हित के सवालों को गहरा आघात लगा है। वह क्षेत्रीय राजनीति के धुरंधर योद्धा थे। उनके जैसा कर्मठ व जनसंघर्ष करने वाला नेता अब हमारे बीच नहीं रहा।
यूकेडी के पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार के पार्थिव शरीर को देहरादून रोड स्थित आवास से पूर्णानंद घाट ले जाते हुए स्वजन, यूकेडी कार्यकर्ता व समर्थक। जागरण
शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि त्रिवेंद्र पंवार उत्तराखण्ड के सच्चे हितैषी थे। राज्य निर्माण के साथ ही राज्य बनने के बाद भी त्रिवेंद्र पंवार उत्तराखंड की जनता के हितों को लेकर लगातार संघर्ष करते आए। उनके जाने से उत्तराखंड की राजनीति में जो शून्य पैदा हुआ है उसे भरना कठिन होगा।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि त्रिवेंद्र पंवार उत्तराखण्ड के सच्चे हितैषी थे। राज्य निर्माण के साथ ही राज्य बनने के बाद भी त्रिवेंद्र पंवार उत्तराखंड की जनता के हितों को लेकर लगातार संघर्ष करते आए। उनके जाने से उत्तराखंड की राजनीति में जो शून्य पैदा हुआ है उसे भरना कठिन होगा।
राज्य आंदोलनकारी प्रदीप भंडारी ने कहा कि त्रिवेंद्र पंवार का निधन होने से उत्तराखंड को जो क्षति हुई है उसकी पूर्ति होना असंभव है। वह उत्तराखड के अस्तित्व को बचाने के लिए लगातार जूझते रहे। उत्तराखण्ड की मांग को लेकर संसद में कूदने और पर्चे फेंककर देश की राजनीति का ध्यान आकर्षित करने में त्रिवेंद्र पंवार सफल रहे थे।
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