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Kathgodam Railway Station: ट्रेन में सफर करने वाले तो बढ़े लेकिन ट्रेनें नहीं... कई का घटा दिया स्टॉपेज भी

काठगोदाम रेलवे स्टेशन से हर साल यात्रियों की संख्या बढ़ रही है लेकिन ट्रेनों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। यहां से नई ट्रेनें चलाना तो दूर जो ट्रेनें पहले से यहां से चल रही थीं रेलवे ने उसका संचालन ही बंद कर दिया है। वहीं कई का स्टॉपेज ही घटा दिया गया है। आलम यह है कि काठगोदाम-मुरादाबाद की दो पैसेंजर ट्रेन चार साल से ठप है।

By Deep belwal Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 25 Nov 2024 05:19 PM (IST)
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Kathgodam Railway Station: ट्रेनों में सफर करने वाले बढ़े, लेकिन ट्रेनें नहीं
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। लंबी दूरी और आरामदायक सफर के लिए हर कोई ट्रेन से सफर करता है। इसके लिए रेलवे कई नई ट्रेनों का संचालन भी करता है, मगर कुमाऊं के सबसे अंतिम रेलवे स्टेशन काठगोदाम पर जैसे रेलवे की दृष्टि ही नहीं पड़ रही। यहां से नई ट्रेनें चलाना तो दूर, जो ट्रेनें पहले से यहां से चल रही थीं, रेलवे ने उसका संचालन ही बंद कर दिया है। वहीं, कई का स्टॉपेज ही घटा दिया गया है।

यह हाल तब है, जब इस स्टेशन पर यात्रियों की संख्या हर साल बढ़ रही है, लेकिन ट्रेनें नहीं बढ़ पा रही हैं। आलम यह है कि काठगोदाम-मुरादाबाद की दो पैसेंजर ट्रेन चार साल से ठप है। देहरादून एक्सप्रेस सप्ताह में तीन दिन हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से दौड़ाई जा रही है।

काठगोदाम रेलवे स्टेशन से रोजाना 10 ट्रेनें अप-डाउन करती हैं। ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ने से रेलवे को हर साल लाखों का राजस्व मिल रहा है, मगर रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं नहीं दे पा रहा है। नई ट्रेनों का विस्तार तो दूर तीन ट्रेनों का संचालन यहां से नहीं हो पा रहा है।

कोरोना काल से पहले काठगोदाम रेलवे स्टेशन से मुरादाबाद के लिए दो पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाती थीं, लेकिन वर्ष 2020 के बाद इन ट्रेनों को रोक दिया गया। अब दोनों ट्रेनें काठगोदाम से न चलकर लालकुआं से चलाई जा रही हैं, जबकि काठगोदाम से देहरादून के बीच नियमित चलने वाली दून एक्सप्रेस सोमवार, मंगलवार व गुरुवार को काठगोदाम नहीं पहुंच पाती।

तीन दिन यह ट्रेन हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से चलाई जा रही है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि काठगोदाम से ट्रेनों को चलाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। 10 ट्रेनों का संचालन करना भी बड़ी चुनौती है। हल्द्वानी से काठगोदाम तक एक तरफ अतिक्रमण है तो दूसरी ओर गौला नदी बह रही है। पैसेंजर ट्रेनों को चलाने पर विचार हो रहा है।

इस वर्ष काठगोदाम से ट्रेनों में जाने वाले यात्री व प्राप्त राजस्व

माह  यात्री  आय
अप्रैल 38276  842966
मई 39120 9306355
जून 50903  8408845
जुलाई 30944  8044281
अगस्त 33447  12168962
सितंबर 36256  6408411
अक्टूबर 43864  7453701
(नोट : इन यात्रियों ने स्टेशन के टिकट काउंटर से टिकट लिए है।)

पैसेंजर ट्रेनें काठगोदाम रेलवे स्टेशन से चल रही हैं। काठगोदाम रेलवे स्टेशन में ट्रेनें खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इसलिए ट्रेनें दूसरे स्टेशन से चलाई जा रही हैं।

राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, इज्जतनगर मंडल।

नियमित नहीं हो सकी गरीब रथ

काठगोदाम से कानपुर के बीच गरीब रथ ट्रेन सप्ताह में दो दिन चल रही है। इस ट्रेन को नियमित करने के लिए सांसद अजय भट्ट समेत स्थानीय व्यापारी आवाज उठा चुके हैं, लेकिन ट्रेन नियमित नहीं हो सकी। व्यापारी विपिन गुप्ता का कहना है कि कानपुर के लिए कई लोग हल्द्वानी से यात्रा करते हैं। इसके अलावा कानपुर से व्यापार होता है। ट्रेन नियमित होने से हर वर्ग को लाभ होता।

दो ट्रेनों ने रोका दून एक्सप्रेस का रास्ता

काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें खड़ी करने के लिए जगह नहीं है। यह कहना है रेलवे अधिकारियों का। स्टेशन अधीक्षक डीएस बोरा की मानें तो सोमवार व मंगलवार को गरीब रथ काठगोदाम आती है। वहीं गुरुवार को मुंबई-काठगोदाम एक्सप्रेस आती है। इसलिए तीन दिन देहरादून एक्सप्रेस काठगोदाम नहीं आ पाती है।

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