Jagran Samwad में भाषाई मर्यादा पर हुई चर्चा, वक्ता बोले- जब तथ्य नहीं होते तो बिगड़ते हैं बोल
Jagran Samwad Lucknow: राजनीतिक दलों के नेताओं के पास जब किसी सवाल का तथ्यात्मक जवाब नहीं होता तो उनके बोले बिगड़ने लगते हैं। फिर जब टकराव बढ़ता है तो फिर वह और तीखे जहरीले बोल बोलने लगते हैं।शुक्रवार को होटल ताज महल में आयोजित जागरण संवाद कार्यक्रम में राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं ने माना कि भाषाई मर्यादा जरूरी है। जब नेता भाषा मर्यादा की सीमा को लांघे तो उसकी पार्टी के मुखिया को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि जहरीले शब्द बाण चलाकर सुर्खियां बटोरने का प्रचलन खत्म हो।