सावन माह के बाद नागपंचमी का पर्व आ गया है। यह हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार नाग पंचमी 29 जुलाई को मनाई जा रही है।
हिंदू धर्म शास्त्र में नागपंचमी का पर्व विशेष महत्व रखता है। इस दिन हर घर में नाग देवता की पूजा की जाती है। इससे आपको कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें, ताकि आपको भी सही जानकारी मिल सकें और आप भटके नहीं।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि नाग पंचमी के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 29 जुलाई की सुबह 05.41 से सुबह 08.23 तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा कर सकते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल में जनमेजय नाम के राजा ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागों का सर्वनाश करने का संकल्प लिया था।
राजा ने एक विशाल यज्ञ करवाया, जिससे सभी नाग यज्ञ की अग्नि में खिंचे चले आ रहे थे। तब आस्तिक मुनि ने यह यज्ञ रुकवाया और नागों की रक्षा की।
तभी से नाग पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा। इस दिन नागों को दूध, फूल, चावल और दूर्वा आदि अर्पित किए जाते हैं और विशेष मंत्रों से उनकी आराधना की जाती है।
मेष राशि के जातक करियर में सफल होने के लिए नाग पंचमी के दिन गेहूं का दान करें। इससे आपके जीवन में खुशियों की बहार आ सकती है।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com