Jitiya Vrat के नियम क्या हैं?


By Priyam Kumari11, Sep 2025 02:30 PMjagran.com

जितिया व्रत का महत्व

जितिया व्रत एक विशेष हिंदू व्रत है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र और भलाई के लिए किया जाता है।

जितिया व्रत कब है?

यह व्रत सिंह या कार्तिक महीने में पड़ता है और इसे 'जितिया' या 'जिटिया' भी कहा जाता है। यह इस साल 14 सितंबर को मनाया जाएगा।

जितिया व्रत के नियम और विधियां

व्रत करने वाली महिलाएं पूरी तरह से निर्जला (ना खाना, ना पानी) रहती हैं। कुछ स्थानों पर महिलाएं हल्का भोजन या फल खाकर भी व्रत रखती हैं, लेकिन पारंपरिक रूप से निर्जला व्रत माना जाता है।

व्रत का शुभ मुहूर्त

व्रत आमतौर पर 3 दिन या 1 दिन के लिए रखा जाता है। व्रत का आरंभ 14 सितंबर को सुबह 05 बजकर 04 मिनट पर होगा और इसका समापन 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट पर होगा।

जितिया व्रत पूजा विधि

इस दिन माता जितिया की पूजा होती है। वहीं, व्रत के दौरान महिलाएं कथा का पाठ और विशेष प्रार्थना करती हैं।

विशेष सामग्री से पूजा करें

पूजा में फल, दूर्वा, हल्दी, चावल, दीपक जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है। साथ ही, घर और मंदिर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।

सदाचार और ध्यान जरूरी

व्रत के दौरान महिलाएं साफ-सुथरे कपड़े पहनती हैं और संयमित रहती हैं। गाली-गलौज और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।

उपवास समाप्त विधि

व्रत का अंत पूजा के बाद होता है। निर्जला व्रत करने के बाद महिलाएं हल्का भोजन करती हैं, जैसे फल, खिचड़ी या हलवा।

जितिया व्रत पर इन नियमों का जरूर पालन करें। ऐसी ही तमाम खबरों को पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ। All Images Credit: Canva