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बंगाल के शिक्षा विभाग ने कुलपतियों की नियुक्ति पर अपना कदम वापस खींचा, SC के इस आदेश के बाद बैकफुट पर ममता सरकार

बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर ममता सरकार और राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस के बीच जारी खींचतान पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद आखिरकार राज्य के शिक्षा विभाग ने एक आश्चर्यजनक फैसले में कुलपतियों की नियुक्ति पर शुक्रवार को अपना कदम पीछे खींच लिया है। राजभवन की ओर से बताया गया कि जिन छह नामों को मंजूरी दी गई है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Sat, 20 Apr 2024 12:26 AM (IST)
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बंगाल के शिक्षा विभाग ने कुलपतियों की नियुक्ति पर अपना कदम वापस खींचा। फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर ममता सरकार और राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस के बीच जारी खींचतान पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद आखिरकार राज्य के शिक्षा विभाग ने एक आश्चर्यजनक फैसले में कुलपतियों की नियुक्ति पर शुक्रवार को अपना कदम पीछे खींच लिया है।

राज्यपाल ने 31 में से छह नामों को दी है मंजूरी

राजभवन सूत्रों ने बताया कि शिक्षा मंत्री व उनके विभाग ने कुलपतियों की स्वयं नियुक्ति करने के अपने आक्रामक फैसले से पीछे हटने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में शुक्रवार को राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ विशेष सचिव ने कुलाधिपति (राज्यपाल) से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बनी सहमति के आधार पर अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति करने का अनुरोध किया है।

राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्ति पर विचार के लिए भेजी गई 31 नामों की एक सूची में से राज्यपाल ने छह नामों को पहले ही मंजूरी दे दी है और बाकी नामों को खारिज कर दिया है।

राजभवन ने क्या कहा?

राजभवन की ओर से बताया गया कि जिन छह नामों को मंजूरी दी गई है, राज्यपाल उन्हें उन विश्वविद्यालयों में जल्द नियुक्त करेंगे, जहां कुलपति का पद खाली है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद इस मुद्दे पर भारत के अटार्नी जनरल (महा- न्यायवादी) आर वेंकटरमणी ने गुरुवार को यहां राजभवन में कुलाधिपति के साथ बंद कमरे में एक घंटे तक चर्चा की थी।

राजभवन के अनुसार, नियुक्ति विवाद में मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट का आदेश कुलपतियों की नियुक्ति में कुलाधिपति यानी राज्यपाल के अधिकार को स्पष्ट करता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि कुलपतियों की नियुक्ति करने वाला प्राधिकारी कुलाधिपति हैं, न कि राज्य सरकार।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये निर्देश

राजभवन ने उन खबरों का खंडन करते हुए यह भी स्पष्ट कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई निर्देश नहीं कि सरकार के नामित व्यक्तियों को कुलपति नियुक्त करना चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बंगाल के राज्यपाल को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई उम्मीदवारों की सूची में से छह उपयुक्त व्यक्तियों को तत्काल कुलपति नियुक्त करने का निर्देश दिया था।

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