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कोलकाता केस: जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिन बाद खत्म किया धरना, शनिवार से काम पर लौटने का एलान

पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर बैठे थे। वहीं गुरुवार को 41 दिन बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली। जनरल बॉडी की मिटिंग के बाद आंदोलनकारियों ने यह निर्णय लिया है। डॉक्टर शनिवार को काम पर लौटेंगे आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू होंगी लेकिन ओपीडी सेवाएं निलंबित रहेंगी।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 20 Sep 2024 05:51 AM (IST)
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कोलकाता केस: जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिन बाद खत्म किया धरना
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आरजी कर कांड को लेकर आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने 41 दिनों बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है और शनिवार से काम पर लौटने की घोषणा की है। उन्होंने स्वास्थ्य भवन के सामने 10 दिनों से चल रहा धरना भी खत्म कर दिया है।

हड़ताल व धरना खत्म करने पर भी उन्होंने मृत महिला डॉक्टर को न्याय नहीं मिलने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है। गत सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ दो दौर की बैठक के बाद वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट ने गुरुवार रात बैठक कर यह निर्णय लिया।

शनिवार से काम पर लौट जाएंगे डॉक्टर

जूनियर डॉक्टर शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन से सीबीआई के सीजीओ कांप्लेक्स स्थित दफ्तर तक जुलूस निकालेंगे। उसके बाद शनिवार से काम पर लौट जाएंगे। आरजी कर अस्पताल में गत नौ अगस्त को महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के बाद से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर थे। जूनियर डॉक्टरों की राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अभया क्लीनिक चलाने की भी योजना है।

मालूम हो कि जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कोलकाता पुलिस आयुक्त, उपयुक्त (डीसी) सेंट्रल, स्वास्थ्य सेवा निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को हटा दिया था। उसके बाद बुधवार को मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में डॉक्टरों की अस्पतालों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया था।

मुख्य सचिव ने दिए थे निर्देश

मुख्य सचिव ने गुरुवार को स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा पुख्ता करने को जल्द कदम उठाने का निर्देश दिया था। पर्याप्त आन ड्यूटी रूम, शौचालय, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था करने, आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए 'पैनिक बटन' लगाने, आंतरिक शिकायत कमेटी व अन्य कमेटियां को सक्रिय रखने, हेल्पलाइन नंबर चालू करने, पर्याप्त पुलिसकर्मियों की तैनाती करने, महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने, रात के वक्त स्थानीय थाने के पुलिसकर्मियों के अस्पताल में गश्त लगाने की व्यवस्था करने को कहा गया है।

बंगाल पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ को सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों का सुरक्षा आडिट करने का दायित्व सौंपा गया है। अस्पतालों में डाक्टरों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति करने का भी निर्देश दिया गया है। इस दिशानिर्देश के कुछ घंटे बाद ही जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी

सुबह धरनास्थल से हटा दिए गए थे तिरपाल व पंखे

जूनियर डॉक्टरों के धरना स्थल पर जो तिरपाल व पंखे लगे थे, गुरुवार सुबह डेकोरेटर के कर्मी उन्हें खोलकर ले गए थे। पूछने पर कहा था कि दुर्गापूजा के लिए दूसरी जगह पर लगाने के लिए उन्हें खोला जा रहा है। मालूम हो कि डेकोरेटर की ओर से उन्हें नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया था। जूनियर डॉक्टरों का आरोप था कि पुलिस के दबाव में आकर ऐसा किया गया है ताकि उनके आंदोलन को कमजोर किया जा सके। वहीं पुलिस ने इस आरोप से इन्कार किया है।

न्याय के लिए हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है- डॉक्टर

प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों में से एक डॉक्टर अकीब ने कहा कि न्याय के लिए हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। विरोध के 41वें दिन, पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट कहना चाहता है कि हमने अपने आंदोलन के दौरान बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन कई चीजें अधूरी रह गई हैं। हमने कोलकाता पुलिस आयुक्त का इस्तीफा मांगा और डीएमई, डीएचएस का भी इस्तीफा लिया लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आंदोलन खत्म हो गया है, हम इसे नये तरीके से आगे बढ़ाएंगे।

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