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West Bengal: कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचा आरजी कर कांड का आरोपित संजय राय, बोला- मुझे कुछ भी कहने की इजाजत नहीं

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में गिरफ्तार आरोपित संजय राय को बुधवार को भी कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकाता के सियालदह कोर्ट में पेश किया गया। कैदी वाहन से बाहर निकालने और अदालत के अंदर ले जाने में पुलिस ने सावधानी बरती। नतीजा यह हुआ कि सिविक वालेंटियर को कुछ भी कहने का मौका नहीं मिला।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 14 Nov 2024 03:31 AM (IST)
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कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट पहुंचा आरजी कर कांड का आरोपित संजय राय
 राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में गिरफ्तार आरोपित संजय राय को बुधवार को भी कड़ी सुरक्षा के बीच कोलकाता के सियालदह कोर्ट में पेश किया गया। कैदी वाहन से बाहर निकालने और अदालत के अंदर ले जाने में पुलिस ने सावधानी बरती।

नतीजा यह हुआ कि सिविक वालेंटियर को कुछ भी कहने का मौका नहीं मिला। बस हाथ हिलाकर कुछ समझाने की कोशिश की लेकिन जाते-जाते उसने कहा कि मुझे कुछ भी कहने की इजाजत नहीं है।

सोमवार को अदालत में सुनवाई के बाद वापस कैदियों के वैन में चढ़ाए जाते वक्त संजय ने चीखते हुए खुद को फिर निर्दोष बताया था। उसने कहा था कि घटना के समय कोलकाता पुलिस के आयुक्त रहे विनीत गोयल और कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग के विशेष उपायुक्त ने साजिश करके उसे फंसाया है।

राज्य सरकार ने भी उनका समर्थन किया है। घटना के बाद ही पुलिस मुख्यालय सतर्क हो गया है। घटना से सीख लेते हुए पुलिस ने कल व आज संजय को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रेसिडेंसी जेल से सियालदह कोर्ट में पेश किया। अदालत परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी। बता दें कि इस मामले की सियालदह कोर्ट में हर दिन सुनवाई होगी।

आरजी कर वित्तीय घोटाला : अवैध दवा खरीद पर सीबीआई की नजर

एक निजी एजेंसी से दवाओं और उपकरणों की अनधिकृत खरीद सीबीआइ की जांच के दायरे में आ गई है, जो कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि मां तारा ट्रेडर्स नामक जिस एजेंसी को अवैध रूप से खरीद का काम सौंपा गया था, वह बंगाल के हुगली जिले के रिसड़ा से काम कर रही थी।

सूत्रों ने बताया कि अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विभाग के लिए मुख्य रूप से जरूरी दवाएं उस एजेंसी से खरीदी गई थीं, जिसके पास सरकारी अस्पताल के टेंडर में भाग लेने के लिए जरूरी लाइसेंस नहीं था। मां तारा ट्रेडर्स के मालिक बिप्लब सिन्हा फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।

सिन्हा को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का विश्वासपात्र माना जाता था, वह भी न्यायिक हिरासत में हैं। एजेंसी से दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की अनधिकृत खरीद मुख्य रूप से 2023-24 में की गई थी। मां तारा ट्रेडर्स एकमात्र बाहरी एजेंसी नहीं है जो अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में संलिप्तता के लिए सीबीआइ की जांच के दायरे में आई है।

वित्तीय अनियमितताओं के मामले में घोष के खिलाफ सीबीआइ जांच में उनके सहयोगियों को दिए गए निर्माण कार्यों के टेंडरों की समीक्षा भी शामिल है। उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग को दरकिनार करते हुए आरजी कर अस्पताल में बुनियादी ढांचे से संबंधित काम निजी एजेंसियों को भारी कमीशन पर दिए थे।

सीबीआई अस्पताल से जैव-चिकित्सा अपशिष्ट की तस्करी और अज्ञात शवों के अंगों की अवैध बिक्री के आरोपों की भी जांच कर रही है।

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