ईरान ने अमेरिका को भेजा संदेश, बताया ट्रंप की हत्या का क्या है प्लान? एलन मस्क के साथ गुपचुप बैठक की चर्चा
अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का आरोप ईरान पर लगाया। अब ईरान ने एक संदेश के माध्यम से अमेरिका को बताया है कि डोनाल्ड ट्रंप को मारने का कोई इरादा नहीं है। इस बीच खबर है कि एलन मस्क ने अमेरिका में ईरान के राजदूत से मुलाकात की है। ईरान का कहना है कि हम अमेरिका के साथ तनाव कम करने की कोशिश में जुटे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान ने अमेरिका को एक संदेश भेजकर स्पष्ट कर किया है कि डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का कोई इरादा नहीं है। ईरान ने एक मध्यस्थ के माध्यम से यह संदेश अमेरिका को भेजा है। ईरान ने यह भी कहा है कि वह अमेरिका के साथ तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है। जानकारी के मुताबिक ईरान ने यह संदेश अक्टूबर महीने में भेजा था।
अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने सितंबर महीने में ईरान को साफ चेतावनी दी थी कि डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के किसी भी ईरानी प्रयास को अमेरिका युद्ध की कार्रवाई मानेगा। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक ईरान ट्रंप की हत्या करके 2020 के ड्रोन हमले का बदला लेना चाहता है। दरअसल, 2020 में अमेरिका ने सीरिया में ड्रोन हमले में ईरान के सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की थी। ईरान पिछले चार साल से इसी हत्या का बदला लेना चाहता है।
ऐसे बदला लेगा ईरान
ईरान ने अपने संदेश में कहा है कि जनरल सुलेमानी की हत्या एक आपराधिक कृत्य था। मगर ईरान डोनाल्ड ट्रंप को मारना नहीं चाहता है। हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत जनरल सुलेमानी की हत्या का बदला लेना चाहते हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान पर ट्रंप प्रशासन के अन्य लोगों की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है।अयातुल्ला खामेनेई ने लिखा पत्र!
ईरानी संदेश में किसी भी अधिकारी का स्पष्ट उल्लेख नहीं था। मगर द न्यूयॉर्क टाइम्स ने ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह पत्र ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का है। बता दें राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप की हत्या की साजिश रची गई थी। दो बार उनकी हत्या की कोशिश भी की गई। जुलाई में आसिफ रजा मर्चेंट नाम के एक पाकिस्तानी को अमेरिका में दबोचा गया। आसिफ रजा जुलाई में ईरान गया था। उस पर अमेरिका के नेताओं को मारने के लिए सुपारी देने का आरोप है। जांच में यह सामने आया कि रजा मर्चेंट के निशाने पर डोनाल्ड ट्रंप भी थे।जब ईरान को लगा- ट्रंप को निशाना बनाना आसान
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान को लगता था कि सीक्रेट सर्विस की वजह से डोनाल्ड ट्रंप को मारना कठिन है। मगर पेन्सिलवेनिया और फ्लोरिडा में ट्रंप की हत्या के प्रयास के बाद ईरान को यह लगने लगा था कि ट्रंप को निशाना बनाया जा सकता है। यह जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आई। इस बीच अमेरिका ने ईरान से कूटनीतिक बातचीत भी की। इसमें अमेरिका ने कहा कि ईरान गंभीर गलती कर रहा है।