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PM Modi ने न्यूयॉर्क में टेक कंपनियों के CEO के साथ की बैठक, सुंदर पिचाई और शांतनु नारायण ने भी की शिरकत

PM Modi US Visit सीईओ गोलमेज बैठक में पीएम मोदी ने एडोब के अध्यक्ष और सीईओ शांतनु नारायण गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा एएमडी की अध्यक्ष और सीईओ लिसा सु मॉडर्ना के अध्यक्ष नूबर अफयान-चेयरमैन मौजूद थे। बैठक से पहले पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत का कार्बन उत्सर्जन चार प्रतिशत से भी कम है।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 23 Sep 2024 04:37 AM (IST)
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सीईओ गोलमेज बैठक में पीएम मोदी ने कई टेक कंपनियों के सीईओ साथ की बैठक।(फोटो सोर्स: एएनआई)

एएनआई, न्यूयॉर्क। पीएम नरेंद्र मोदी अपने तीन-दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं। रविवार (भारतीय समयानुसार) को पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर्स तक के कई टेक कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की।

सीईओ गोलमेज बैठक में  एडोब के अध्यक्ष और सीईओ शांतनु नारायण, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा, एएमडी की अध्यक्ष और सीईओ लिसा सु, मॉडर्ना के अध्यक्ष नूबर अफयान-चेयरमैन मौजूद थे।

'AI, क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में अमेरिका-भारत के बीच बढ़े सहयोग'

प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ, प्रधानमंत्री मोदी को एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर और बायोटेक्नोलॉजी के अत्याधुनिक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की।

— ANI (@ANI) September 22, 2024

 कार्बन उत्सर्जन में भारत की भूमिका चार प्रतिशत से भी कम

बैठक से पहले पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया था। संबोधन में उन्होंने कहा था कि दुनिया को नुकसान पहुंचाने में भारत की कोई भूमिका नहीं है। भारत में दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी रहती है और इसका कार्बन उत्सर्जन चार प्रतिशत से भी कम है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत सभी प्रकार की प्रौद्योगिकियों के लिए लॉंचिंग पैड है। अब देश चाहता है कि दुनिया भर में 'मेड इन इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप से उपकरण चलाए जाएं। आप लोग एक पेड़ मां के नाम लगाएं। यह जन्म देने वाली मां और धरती मां को धन्य करेगी।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आप जल्द ही भारत में ओलंपिक के साक्षी बनेंगे। हम 2036 की मेजबानी के लिए प्रयास कर रहे हैं। -दुनिया का हर देश अब भारत के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता है। 

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