Arunachal Pradesh: चीन ने अब अरुणाचल की 30 जगहों के बदले नाम, जारी की लिस्ट; भारत ने दिया ये जवाब
अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश करने की चीन की हालिया कोशिशों के बीच बीजिंग ने भारतीय राज्य में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की है। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है। भारत का कहना है कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है और काल्पनिक नाम रख देने से वास्तविकता नहीं बदलेगी।
पीटीआई, बीजिंग। अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश करने की चीन की हालिया कोशिशों के बीच बीजिंग ने भारतीय राज्य में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की है। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है। भारत का कहना है कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है और काल्पनिक नाम रख देने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को बताया कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है। चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है और दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में इस राज्य पर अपना दावा करता है। मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के लिए अतिरिक्त नाम पोस्ट किए गए।
नए नाम एक मई से प्रभावी होंगे
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए नाम एक मई से प्रभावी होंगे। विदेशी भाषाओं में ऐसे नाम जो चीन के क्षेत्रीय दावों और संप्रभुता अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उन्हें बिना प्राधिकार के सीधे उद्धृत या अनुदित नहीं किया जाएगा। चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की थी। 15 स्थानों के नए नामों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई। इसके बाद 2023 में 11 स्थानों के नामों की एक और सूची जारी की गई।चीन ने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर विरोध दर्ज कराया
अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जताने के लिए चीन के हालिया बयानों की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राज्य की यात्रा के समय हुई। पीएम मोदी ने नौ मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग का उद्घाटन किया था। चीन ने पीएम मोदी की यात्रा को लेकर भारत के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराया।
भारत ने अरुणाचल पर चीन के दावों को हास्यास्पद बताया
चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने क्षेत्र पर अपना दावा जताने के लिए कई बयान जारी किए। इसके बाद 23 मार्च को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार के दावों को हास्यास्पद बताते हुए खारिज कर दिया। कहा कि यह सीमावर्ती राज्य भारत का स्वाभाविक हिस्सा है। इसके अलावा चीन इस मुद्दे पर अमेरिका से भी उलझ चुका है।अमेरिका ने जब कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है, तो चीन ने इसका विरोध किया। कहा कि भारत-चीन का सीमा विवाद दोनों देशों के बीच का मुद्दा है। वॉशिंगटन का इससे कोई लेना-देना नहीं है।ये भी पढ़ें: इस देश में गांजे को मिली कानूनी मान्यता, 18 साल से ऊपर के लोग ले जा सकते हैं 25 ग्राम सूखी भांग