क्या ब्राजील में होगी PM मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात? इन मुद्दों पर हो सकती है दोनों नेताओं के बीच बात
भारत और चीन के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आ रहा है। पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य तनाव समाप्त करने के बाद पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच यह मुलाकात हो सकती है। जानकारी के मुताबिक बैठक में आर्थिक विकास जलवायु संकट और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी में सुधार की काफी गुंजाइश है।
एएनआई, बीजिंग। जी-20 देशों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग रविवार को ब्राजील पहुंचे। चीनी राष्ट्रपति से पहले पीएम मोदी का ब्राजील में आगमन हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो सकती है।
भारत के साथ संबंध बेहतर करने में जुटा चीन
सिन्हुआ समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, एक बयान में शी ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और बढ़ाने पर ब्राजील के राष्ट्रपति के साथ विचारों के आदान-प्रदान के लिए उत्सुक हैं। दोनों नेताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की बैठक हुई थी।
भारत-चीन के बीच रिश्तों की नई शुरुआत?
जानकारी के मुताबिक, बैठक में आर्थिक विकास, जलवायु संकट और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर चर्चा की जाएगी। एशिया की दो शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष के मुलाकात पर दुनिया की नजर रहेगी। भारत-चीन व्यापार 2022 में 135 अरब डॉलर का आंकड़ा छू चुका है। दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी में सुधार की काफी गुंजाइश है।
सीमा विवाद सुलझाने के बाद क्या बोले एस जयशंकर?
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ विवाद निपटाने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात होने वाली है।एलएसी को लेकर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि अंतिम दौर की सैन्य वापसी के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में कुछ सुधार की उम्मीद करना उचित है, लेकिन यह कहने से संकोच किया कि महज इस कदम से दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते अपने पुराने स्वरूप में लौट सकते हैं।
विदेश मंत्री ने कार्यक्रम में कहा था कि मैं सेनाओं के पीछे हटने (डिसएंगेजमेंट) को बस उनके पीछे हटने के रूप में देखता हूं, न उससे कुछ ज्यादा और न कुछ कम। बता दें कि दोनों पक्षों ने करीब साढ़े चार साल के अंतराल के बाद सीमा पर अपनी-अपनी गश्ती गतिविधियां भी शुरू कीं।