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क्या ब्राजील में होगी PM मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात? इन मुद्दों पर हो सकती है दोनों नेताओं के बीच बात

भारत और चीन के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आ रहा है। पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य तनाव समाप्त करने के बाद पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच यह मुलाकात हो सकती है। जानकारी के मुताबिक बैठक में आर्थिक विकास जलवायु संकट और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी में सुधार की काफी गुंजाइश है।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 18 Nov 2024 08:23 AM (IST)
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जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच मुलाकात हो सकती है।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआई, बीजिंग। जी-20 देशों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग रविवार को ब्राजील पहुंचे। चीनी राष्ट्रपति से पहले पीएम मोदी का ब्राजील में आगमन हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो सकती है।

भारत के साथ संबंध बेहतर करने में जुटा चीन

सिन्हुआ समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, एक बयान में शी ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और बढ़ाने पर ब्राजील के राष्ट्रपति के साथ विचारों के आदान-प्रदान के लिए उत्सुक हैं। दोनों नेताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की बैठक हुई थी।

भारत-चीन के बीच रिश्तों की नई शुरुआत? 

जानकारी के मुताबिक, बैठक में आर्थिक विकास, जलवायु संकट और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर चर्चा की जाएगी। एशिया की दो शक्तिशाली देशों के राष्ट्राध्यक्ष के मुलाकात पर दुनिया की नजर रहेगी। भारत-चीन व्यापार 2022 में 135 अरब डॉलर का आंकड़ा छू चुका है। दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी में सुधार की काफी गुंजाइश है।

सीमा विवाद सुलझाने के बाद क्या बोले एस जयशंकर?

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ विवाद निपटाने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात होने वाली है।

एलएसी को लेकर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि  अंतिम दौर की सैन्य वापसी के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में कुछ सुधार की उम्मीद करना उचित है, लेकिन यह कहने से संकोच किया कि महज इस कदम से दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते अपने पुराने स्वरूप में लौट सकते हैं।

विदेश मंत्री ने कार्यक्रम में कहा था कि मैं सेनाओं के पीछे हटने (डिसएंगेजमेंट) को बस उनके पीछे हटने के रूप में देखता हूं, न उससे कुछ ज्यादा और न कुछ कम। बता दें कि दोनों पक्षों ने करीब साढ़े चार साल के अंतराल के बाद सीमा पर अपनी-अपनी गश्ती गतिविधियां भी शुरू कीं।

कितना महत्वपूर्ण है जी-20 शिखर सम्मेलन? 

जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए शासनाध्यक्ष रविवार से रियो डि जेनेरियो पहुंचना शुरू हो गए। इस सम्मेलन में दो दिन गरीबी व भुखमरी से लेकर वैश्विक संस्थानों में सुधार तक के मुद्दों से निपटने पर विचार-विमर्श होगा।

हालांकि, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सैकड़ों अरब डालर जुटाने के लक्ष्य पर सहमति बनाने का काम कॉप-29 को सौंपा गया है, लेकिन इस धन को जारी करना जी-20 के नेताओं के हाथ में है। जी-20 देशों का वैश्विक अर्थव्यवस्था में 85 प्रतिशत योगदान है और जलवायु वित्त पोषण में सहायता करने करने वाले बहुपक्षीय विकास बैंकों के वे सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं। वे

दुनियाभर में 75 प्रतिशत से अधिक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए भी जिम्मेदार हैं। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु प्रमुख साइमन स्टील ने शनिवार को जी-20 नेताओं को पत्र लिखकर उनसे जलवायु वित्त पर कार्य करने का आग्रह किया, जिसमें विकासशील देशों के लिए अनुदान बढ़ाना और बहुपक्षीय विकास बैंकों के सुधारों को आगे बढ़ाना शामिल है।

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