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ईरान में हिजाब का विरोध करने वाली महिलाओं के लिए ये क्या करने जा रही है सरकार?

ईरानी राज्य ने एक क्लीनिक खोलने की योजना बनाई है इसका उद्देश्य उन महिलाओं का इलाज कराना है जो सार्वजनिक स्थानों पर अनिवार्य हिजाब कानून का उल्लंघन करती हैं। तेहरान में खोलने वाले पहले हिजाब क्लीनिक की इंजार्च मेहरी तालेबी दारस्तानी का कहना है कि यह क्लिनिक हिजाब हटाने वालों के लिए वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक इलाज मुहैया कराएगा। वहीं इस फैसला के बाद से कई लोग विरोध जता रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 15 Nov 2024 02:38 PM (IST)
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ईरान में हिजाब विरोधियों के खिलाफ सरकार का नया कदम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली: ईरान में महिलाएं लगातार हिजाब पहनने का विरोध करती रही हैं। इस बीच ईरानी राज्य ने एक क्लीनिक खोलने की योजना बनाई है, इसका उद्देश्य उन महिलाओं का इलाज कराना है, जो सार्वजनिक स्थानों पर अनिवार्य हिजाब कानून का उल्लंघन करती हैं।

तेहरान में खोलने वाले पहले हिजाब क्लीनिक की इंजार्च मेहरी तालेबी दारस्तानी का कहना है कि यह क्लीनिक हिजाब हटाने वालों के लिए वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक इलाज मुहैया कराएगा।

हिजाब क्लीनिक की इंजार्च का बयान

गुरुवार को द गार्डियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, "हिजाब हटाने के उपचार क्लीनिक" की स्थापना का खुलासा सदाचार को बढ़ावा देने और बुराई की रोकथाम के लिए तेहरान मुख्यालय में महिला और परिवार विभाग की प्रमुख मेहरी तालेबी दारेस्टानी की तरफ से किया गया था। उन्होंने हिजाब क्लीनिक को लेकर कहा है कि यह प्रोजेक्ट गरिमा, शालीनता, शुद्धता और हिजाब को बढ़ावा देने के रोडमैप के साथ तैयार किया गया।

अब ईरानी महिलाओं और मानवाधिकार समूहों ने इस फैसले (हिजाब हटाने के उपचार क्लीनिक खोलने की) पर नाराजगी व्यक्त की है।

'इलाज के लिए क्लीनिक का विचार डराने वाला है'

द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूके स्थित ईरानी पत्रकार सिमा साबेट ने इस कदम को "शर्मनाक" कहा। उन्होंने कहा, '' महिलाओं को 'इलाज' करने के लिए क्लीनिक स्थापित करने का विचार डराने वाला है , जहां लोगों को केवल सत्तारूढ़ विचारधारा के अनुरूप नहीं होने के कारण समाज से अलग-थलग कर दिया जाता है।''

ईरानी मानवाधिकार वकील होसैन रईसी ने भी इस विचार की आलोचना की है, उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि हिजाब पहनने से इनकार करने वाली महिलाओं के इलाज के लिए एक क्लीनिक न तो इस्लामी है और न ही ईरानी कानून के अनुरूप है। रईसी ने आगे कहा कि यह चिंताजनक बात है कि यह बयान तेहरान मुख्यालय में महिला और परिवार विभाग से आया है, जो सद्गुणों के प्रचार और दुराचार की रोकथाम के लिए है। यह सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के प्रत्यक्ष अधिकार के तहत काम करता है।

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