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अमेरिका में ट्रंप की वापसी और कारोबारी चिंताओं के बीच जलवायु सम्मेलन शुरू, कई वैश्विक नेताओं ने बनाई दूरी

Climate conference in Baku ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन को एक धोखा करार दिया है और कहा है कि वह पेरिस समझौते से अमेरिका को फिर से बाहर निकाल लेंगे। ट्रंप अभियान की ओर से सभी विदेशी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत और चीनी वस्तुओं पर 60 प्रतिशत टैरिफ लगाने के वादे से भी सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधि चिंतित हैं।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Tue, 12 Nov 2024 06:00 AM (IST)
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वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (काप-29) शुरू।
रायटर, बाकू। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी और कारोबारी चिंताओं के बीच अजरबैजान की राजधानी बाकू में सोमवार को वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (कॉप-29) शुरू हो गया। ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अमेरिका अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट सकता है।

जलवायु परिवर्तन एक धोखाः ट्रंप

ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन को एक धोखा करार दिया है और कहा है कि वह पेरिस समझौते से अमेरिका को फिर से बाहर निकाल लेंगे। ट्रंप अभियान की ओर से सभी विदेशी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत और चीनी वस्तुओं पर 60 प्रतिशत टैरिफ लगाने के वादे से भी सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधि चिंतित हैं।

एक साल से मौसम संबंधी आपदाओं ने विकासशील देशों की नकदी की मांग को बढ़ावा दिया है। बाकू में एकत्रित होने वाले प्रतिनिधियों को उम्मीद है कि वे सम्मेलन के शीर्ष एजेंडे को हासिल कर लेंगे। इसके तहत विकासशील देशों को जलवायु वित्त के लिए एक ट्रिलियन डालर देने पर समझौता होना है। वित्त और व्यापार पर कठिन वार्ता से पहले कुछ प्रमुख वैश्विक नेताओं ने इस सम्मेलन से दूर रहने का फैसला किया है।

जो बाइडन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग नहीं लेंगे भाग

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन इस आयोजन में भाग नहीं लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। शिखर वार्ता शुरू होने के साथ ही सबसे पहला काम कारोबार पर चर्चा करने के चीन के प्रस्ताव को समायोजित करने के लिए एजेंडे पर सहमति बनाना था। बेसिक देशों (ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह) की ओर से चीन ने अंतिम समय में प्रस्ताव रखा कि शिखर सम्मेलन में 2026 में लागू होने वाले यूरोपीय संघ के कार्बन सीमा शुल्क जैसे ''प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों'' का समाधान निकाला जाए। चीन के अनुरोध से स्पष्ट है कि ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद वह भी अपनी ताकत दिखा रहा है।

जवाबदेही, निष्पक्ष फंडिंग और हरित ऋण पर जोर देगा भारत

जलवायु परिवर्तन पर दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण बैठक शुरू होने के अवसर पर सोमवार को विभिन्न भारतीय प्रतिनिधियों ने कहा कि हमारा दृष्टिकोण जवाबदेही, हरित ऋण, निष्पक्ष फंडिंग और विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि लक्ष्यों पर केंद्रित है। एक प्रतिनिधि ने बताया कि सम्मेलन में भारत की प्राथमिकताओं में जलवायु वित्त के लिए विकसित देशों को जवाबदेह बनाना, कमजोर समुदायों के लिए लचीलापन बढ़ाना और एक न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाना शामिल होगा। एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा कि भारत के लिए ध्यान देने का एक अन्य क्षेत्र हरित ऋण और लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) को बढ़ावा देना होगा।

सद्गुरु की अपील-पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाएं

ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि मिट्टी के क्षरण और सूक्ष्मजीवों के विनाश का धरती पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा। काप 29 से इतर रायटर से बात करते हुए सद्गुरु ने कहा कि धरती का स्वास्थ्य सिर्फ मानव जीवन के बारे में नहीं है, बल्कि जीवन के सभी रूपों के अस्तित्व के बारे में है। अगर सूक्ष्मजीव, कीट और अन्य छोटे जीव नहीं पनपेंगे तो मानव जीवन भी नहीं पनपेगा।