Iran: हिजाब नहीं पहनने की सजा, कोमा में पहुंची 16 साल की लड़की; महिला पुलिसकर्मियों ने मेट्रो में की थी पिटाई
16 साल की लड़की का नाम अरमिता गेरवांड है जिसने हिजाब नहीं पहना था। इस कारण एक महिला पुलिसकर्मियों ने मेट्रो में उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। इसके बाद उसके सिर और गर्दन में गंभीर चोटें आईं। हालांकि ईरान की सरकार ने इस पुरे मामले से किनारा कस लिया है। वहीं देश में सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 04 Oct 2023 06:52 PM (IST)
रॉयटर्स, दुबई। ईरान में कुछ महीने पहले ही हुए हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बाद भी देश में हालत पहले जैसे ही है। ईरान में महसा अमीनी जैसी हरकत एक बार फिर से दुहराई गई है। हिजाब नहीं पहनने पर ईरान की नैतिक पुलिस की पिटाई से एक 16 साल की लड़की कोमा में है और जिंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ रही है। दो प्रमुख अधिकार कार्यकर्ताओं ने 4 अक्टूबर (बुधवार) को इस बात की जानकारी दी।
महिला पुलिसकर्मियों ने मेट्रो में की थी पिटाई
आपको बता दें कि 16 साल की लड़की का नाम अरमिता गेरवांड है, जिसने हिजाब नहीं पहना था। इस कारण एक महिला पुलिसकर्मियों ने मेट्रो में उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। इसके बाद उसके सिर और गर्दन में गंभीर चोटें आईं। हालांकि, ईरान की सरकार ने इस पुरे मामले से किनारा कस लिया है और अधिकार समूहों के दावों का खंडन किया है। वहीं, देश में सोशल मीडिया पर यह घटना तेजी से वायरल हो रही है।
अस्पताल में बेहोश अरमिता गेरवांड की तस्वीर आई सामने
2 अक्टूबर (रविवार) को इस्लामिक ड्रेस कोड लागू करने वाले अधिकारियों के साथ झड़प के बाद वह कोमा में चली गई थी, ईरानी-कुर्द अधिकार समूह हेंगॉ ने तेहरान अस्पताल में बेहोश अरमिता गेरवांड की तस्वीर पोस्ट की जहां उसे घटना के बाद ले जाया गया था।यह भी पढ़ें-विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के बाद नेपाल में दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा, नेपालगंज में लगा कर्फ्यू
इस घटना के बारे में टिप्पणी के अनुरोध पर ईरान के आंतरिक मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। वहीं,दूसरी तरफ ईरान में एक कार्यकर्ता ने कहा कि हम उसके मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। वह अस्पताल के ICU में कोमा में है और उसकी हालत गंभीर है। इसके अलावा, दूसरे कार्यकर्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों ने गेरवांड के माता-पिता को सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर पोस्ट करने या मानवाधिकार समूहों से बात करने से मना कर दिया था।