मालदीव का कबूलनामा! भारत से रिश्तों में आई थी कड़वाहट, मुइज्जू की यात्रा से पहले बताया क्या है आगे का प्लान
भारत और मालदीव के संबंधों में आई तल्खियों के बीच मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच जो गलतफहमियां हुई थीं उन्हें सुलझा लिया गया है। विदेश मंत्री जमीर ने श्रीलंका की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने चीन और भारत के साथ हिंद महासागर द्वीपसमूह के रिश्तों के महत्व पर भी जोर दिया।
पीटीआई, माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जल्द भारत की यात्रा पर आएंगे। मुइज्जू की भारत यात्रा से पहले मालदीव ने भारत से अपने संबंधों को सुधारने की प्रक्रिया तेज कर दी है। मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने रविवार को साफ कर दिया कि इस साल की शुरुआत में मालदीव-भारत संबंधों में कड़वाहट देखी गई थी, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों ने "गलतफहमियों" को सुलझा लिया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुइज़ू द्वारा मालदीव से भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी को हटाने के अभियान के बाद, भारत के साथ संबंधों में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हमारे चीन और भारत दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं और दोनों देशों ने मालदीव का समर्थन करना जारी रखा है।
क्या है भारत-मालदीव विवाद
मुइजू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने मालदीव को भारत द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफार्मों पर तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह नागरिकों को तैनात किया गया। मालदीव के तीन उप-मंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने के बाद मामला और बिगड़ गया। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया और तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था।मुइजू की भारत यात्रा
पदभार ग्रहण करने के बाद मुइजू पहले तुर्की गए और फिर जनवरी में अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए चीन गए। वे प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए 9 जून को नई दिल्ली आए। मुइजू बहुत जल्द आधिकारिक यात्रा पर भारत आएंगे।