चीफ जस्टिस को चुनाव विवादों को सुलझाने वाली पीठ से अलग किया जाए, इमरान खान के सांसदों ने क्यों की ऐसी मांग?
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। इसमें बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगे थे। सीजेपी की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ 8 फरवरी के आम चुनावों से संबंधित चुनावी विवादों को सुलझाने के लिए पंजाब में चुनाव न्यायाधिकरणों के गठन के संबंध में लाहौर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान के चुनाव आयोग की अपील पर विचार करेगी।
एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई (Pakistan Tehreek-e-Insaf) के नौ सांसदों ने चुनाव विवादों से संबंधित मामले के समाधान के लिए पंजाब में नियुक्त चुनाव न्यायाधिकरण के मामले की सुनवाई करने वाली पीठ से पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा को अलग करने की मांग की है।
दरअसल, देश में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। इसमें बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगे थे। सीजेपी की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ 8 फरवरी के आम चुनावों से संबंधित चुनावी विवादों को सुलझाने के लिए पंजाब में चुनाव न्यायाधिकरणों के गठन के संबंध में लाहौर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान के चुनाव आयोग की अपील पर विचार करेगी।
काजी फैज ईसा के अलावा अमीनुद्दीन खां पीठ के सदस्य
जस्टिस काजी फैज ईसा के अलावा, पीठ के सदस्यों में अमीनुद्दीन खान, जमाल खान मंडोखैल, नईम अख्तर अफगान और जस्टिस अकील अहमद अब्बासी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अधिसूचना को निलंबित कर दिया था
4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में आठ चुनाव न्यायाधिकरणों की नियुक्ति पर लाहौर हाई कोर्ट के फैसले और इसकी अधिसूचना को निलंबित कर दिया था। यह निलंबन तब तक प्रभावी रहा जब तक कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और ईसीपी के बीच बातचीत पूरा नहीं हुई।
जस्टिस ईसा के खिलाफ आवेदन दायर करने की मांग
पीटीआई के सांसदों ने रजिस्ट्रार सुप्रीम कोर्ट को प्रस्तुत अपने आवेदन में चुनाव न्यायाधिकरण के मुद्दे पर सुनवाई कर रही पीठ से जस्टिस ईसा को अलग करने के लिए आवेदन दायर करने की मांग की है।
ये भी पढ़ें: Earthquake in Russia: रूस में आया 7.2 तीव्रता का भूकंप, कामचटका क्षेत्र में फटा शिवलुच ज्वालामुखी; लावा निकलना शुरू