Putin India Visit: पुतिन की यात्रा से पहले भारत-रूस के बीच बड़ी डील, किन-किन मुद्दों पर बनी बात?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आगामी भारत यात्रा से पहले, रूस ने भारत के साथ सैन्य रसद समझौते को मंजूरी दी है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच सैन ...और पढ़ें

दो दिवसीय भारत यात्रा पर आएंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर से दो दिवसीय भारत की यात्रा पर रहेंगे। रूस यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद पुतिन की यह पहली भारत की यात्रा होने जा रही है। पुतिन की भारत की यात्रा से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है।
दरअसल, रूस के स्टेट ड्यूमा ने पुतिन की भारत यात्रा से पहले भारत के साथ एक प्रमुख सैन्य रसद समझौते को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है। बता दें कि रसद सहायता के पारस्परिक आदान-प्रदान (आरईएलओएस) पर 18 फरवरी को हस्ताक्षर किए गए थे, जिसे पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन द्वारा अनुसमर्थन के लिए पेश किया गया था।
भारत-रूस की साझेदारी को मिली मजबूती
इस मंजूरी को लेकर स्टेट ड्यूमा के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोडिन ने बताया कि यह कदम दोनों देशों की साझेदारी की मजबूती को दर्शाता है। उन्होंने आगे बताया कि इस समझौते का अनुसमर्थन गहरे सहयोग की दिशा में एक और कदम है।
वहीं, ड्यूमा की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए विवरण के अनुसार, इस समझौते से दोनों देशों के सैन्य विमानों, जहाजों और अन्य संरचनाओं को संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम, मानवीय अभियान और आपदा राहत मिशन सहित कई गतिविधियों के लिए एक-दूसरे की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी।
रूसी दस्तावेजों में आरईएलओएस को संयुक्त अभ्यास और आपातकालीन परिचालनों के दौरान समन्वय को सरल बनाने के लिए एक ढांचे के रूप में वर्णित किया गया है, जबकि पूर्व की रूसी रिपोर्टों में यह सुझाव दिया गया है कि यह आर्कटिक जैसे कठिन क्षेत्रों में गतिविधियों को भी सहायता प्रदान कर सकता है।
इन मुद्दों पर भी हो सकती है चर्चा
उल्लेखनीय है कि पुतिन की भारत यात्रा से पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि वार्ता में संभावित अतिरिक्त एस-400 मिसाइल प्रणाली और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एसयू-57 पर चर्चा शामिल हो सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि एसयू-57 दुनिया का सबसे अच्छा विमान है और उन्होंने ब्रह्मोस जैसी परियोजनाओं के माध्यम से रक्षा-प्रौद्योगिकी संबंधों को व्यापक बनाने के लिए मास्को की तत्परता का उल्लेख किया। (एजेंसी इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।