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रूस-यूक्रेन War के 1000 दिन पूरे: 120 मिसाइलों से हमला; तापमान 0 डिग्री और अंधेरे में 30 लाख लोगों की INSIDE STORY

Russia Ukraine War करीब तीन साल साल से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इससे दुनिया भर के कई देश प्रभावित हैं। यूरोपीय देशों पर भी इसका असर पड़ा है। ऐसे में भारत समेत तमाम देश इस युद्ध को रोकने का समर्थन कर रहे हैं। वहीं अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने युद्ध विराम की योजना बना ली है।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 18 Nov 2024 09:40 AM (IST)
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Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध 1000 दिन पूरे होने वाले हैं।(फोटो सोर्स: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Russia Ukraine War।  रूस-यूक्रेन युद्ध को 1000 दिन से ज्यादा होने वाले हैं। 24 फरवरी 2022 को रूसी सेना ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। रूस को उम्मीद थी कि यूक्रेन ज्यादा दिनों तक युद्ध में टिक नहीं पाएगा, लेकिन करीब तीन साल से यूक्रेन की सेना रूस के हर हमले का करारा जवाब दे रही है। इतना ही नहीं,यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क पर कब्जा भी कर लिया है।

पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन को मिल रही मदद ने पुतिन सरकार (Putin) की नींद उड़ा रखी है। हालांकि, रूस को उम्मीद है कि ट्रंप शासन में अमेरिका से यूक्रेन को मिल रही मदद पर विराम लग सकता है। बता दें कि चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप कई बार ये बात बोल चुके हैं कि वो चाहें तो एक दिन में ही रूस-यूक्रेन का युद्ध रुकवा सकते हैं।

कुछ दिनों पहले ट्रंप ने कहा था कि लगभग तीन वर्ष से जारी इस युद्ध में अभी तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं। ये लोग सैनिक भी हैं और आमजन भी। इसलिए हमें युद्ध रुकवाने के लिए कार्य करना होगा।

ट्रंप ने कहा था कि उनकी सरकार की प्राथमिकता युद्ध रुकवाने की होगी, क्योंकि यह अमेरिकी संसाधनों को बहाने जैसा मामला है। अमेरिकी संसाधनों से ट्रंप का मतलब यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता से है।

बाइडन सरकार ने की यूक्रेन की मदद

वहीं, जाते-जाते जो बाइडन यूक्रेन को युद्ध में अगले वर्ष दिक्कत न हो इसका इंतजाम करने जा रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि बाइडन यूक्रेन की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसलिए वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूक्रेन अगले साल रूस के आक्रमण से लड़ सके। इसके लिए यथासंभव सहायता भेज रहे हैं, जिससे यूक्रेन रूसी सेनाओं को दूर रखने में सक्षम हो सके और संभावित हमले में मजबूत पकड़ बना सके।

सर्दियों में यूक्रेन वासियों का जीना हुआ मुहाल

सर्दियों के समय युद्ध लड़ना यूक्रेन के लिए एक बड़ी चुनौती है। वहीं,  रविवार को रूस में यूक्रेन के पावर ग्रिड पर सबसे बड़ा हमला किया है। रूस का मकसद है कि यूक्रेन  के ऊर्जा ग्रिड को निशाना बनाया जाए। कुछ दिनों पहले राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस ने यूक्रेन की बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर का आधा हिस्सा नष्ट कर दिया है।

कीव ने अपने पश्चिमी सहयोगियों से अपने ऊर्जा ग्रिड के पुनर्निर्माण में मदद की गुहार लगाई है। यूक्रेन में कठोर सर्दी तेजी से आ रही है और देश पहले से ऊर्जा की बड़ी कमी से जूझ रहा है। इस समय सैकड़ों यूक्रेन वासियों ने मेट्रो स्टेशनों में बने बंकरों में शरण ले ली है।

हजारों लोग गंवा चुके हैं जान

युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों देशों के दसियों हजार सैनिक मारे गए हैं और संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि कम से कम 11,700 यूक्रेनी नागरिक मारे गए हैं।

रुस युद्ध रोक देगा अगर...

रूस चाहता है कि यूक्रेन NATO में शामिल न हो। रूस चाहता है कि यूक्रेन तटस्थ रहे। रूस यह भी चाहता है कि यूक्रेन अपने कुछ इलाकों को रूसी क्षेत्र मान ले।  रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन इन शर्तों को मान लेता है तो वह बातचीत के लिए तैयार है।  रूस ने यह भी कहा है कि वह यूक्रेनी सैनिकों की सुरक्षित वापसी की गारंटी देगा।

रूस ने बातचीत के लिए रखी हैं ये शर्त  

  • पहली शर्त: यूक्रेन हमेशा एक तटस्थ, गुटनिरपेक्ष और परमाणु हथियारों से मुक्त देश रहे।
  • दूसरी शर्त: यूक्रेन, रूस की सीमा से अपनी सेना हटा ले।
  • तीसरी शर्त: यूक्रेन लुहान्स्क, दोनेत्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दे।
  • चौथी शर्त: क्रीमिया और सेवस्तोपोल की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय संधियों में मान्यता दी जाए।
  • पांचवीं: रूस पर लगे सभी पश्चिमी प्रतिबंध हटा लिए जाएं।

दोनों देशों से भारत ने क्या की है अपील? 

इस युद्ध को लेकर भारत लगातार अपनी प्रतिक्रिया दुनिया से साझा करता आया है। युद्ध के बीच रूस और यूक्रेन का दौरा करने वाले पीएम मोदी लगातार इस बात पर जोर देते आए हैं कि बातचीत के जरिए हर समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा है कि भारत शांति और स्थिरता की शीघ्र वापसी का पूर्ण समर्थन करता है। भारत मानवता को प्राथमिकता देता। भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।

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