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    जिया हो बिहार के लाला: अररिया के अनवर का कमाल; हर्बल इंसुलिन बनाया तो अमेरिका ने भी माना लोहा

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 08:00 PM (IST)

    अररिया के डॉ. राजिक अनवर को विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है। उन्हें यह सम्मान स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय अमेरिका द्वारा दिया गया है। डॉ. राजिक सऊदी अरब में माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में कई विषयों पर शोध किया है और हर्बल इंसुलिन बनाने पर भी काम किया है।

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    डॉ. राजिक अनवर ने विश्व स्तर पर किया नाम रोशन

    अफसर अली,अररिया। अररिया शहर के रहिका टोला निवासी डॉ. राजिक अनवर को विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। यह सम्मान स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय अमेरिका की ओर से एल्सेवियर के सहयोग से प्रदान किया गया। डॉ. राजिक वर्तमान में सऊदी अरब के रियाद स्थित इमाम मुहम्मद यूनिवर्सिटी में कॉलेज ऑफ मेडिसिन में माइक्रोबायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वह पिछले 12 वर्षों से यहां एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ा रहे हैं।

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    डॉ. राजिक ने विज्ञान के क्षेत्र में कई विषयों पर शोध किया है, जिनमें से कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस स्पींगर जनरल की पत्रिका द लेंसेट व नेचर मेडिसिन में प्रकाशित भी हुए हैं। वह सऊदी अरब में अमेरिकन सोसाइटी फार माइक्रोबायलाजी (एएसएम) के युवा राजदूत के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्हें अमेरिका में वैज्ञानिकों के मंच पर अपने शोध को प्रस्तुत करने का मौका मिलता रहा है।

    वर्तमान में डॉ. राजिक एंटीबायोटिक मेडिसिन के अधिक प्रचलन से होने वाले नुकसान पर शोध कर रहें। उन्होंने बताया कि इन दिनों खासकर भारत में चिकित्सक रोगियों को धड़ल्ले से एंटीबायोटिक मेडिसिन लेने की सलाह दे देते हैं, जबकि इसके अधिक प्रयोग से शरीर के भीतर नेचुरल एंटीबायोटिक, जो मनुष्य के लिए फायदेमंद होता है वह भी नष्ट हो जाता है।

    एंटीबायोटिक के अधिक प्रयोग से एक समय ऐसा आता है कि रोगियों पर दवा का असर नहीं होता है। खासकर आइसीयू व वेंटिलेशन पर भर्ती मरीज का बचना मुश्किल होता है। डॉ. राजिक अनवर पहले भी ब्लू-ग्रीन एल्गी से हर्बल इंसुलिन बनाने पर शोध कर चुके हैं, जो अमेरिका के जनरल ऑफ एप्लाइड साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ था।

    हालांकि दवा के रूप में हर्बल इंसुलिन का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है। वरीय अधिवक्ता स्व मु. जैनुद्दीन के पुत्र डॉ. राजिक शुरू से ही मेहनती रहे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा अररिया में हुई। वह एक साधारण छात्र रहे। उन्होंने 1997 में आजाद एकेडमी अररिया से मैट्रिक पास की।

    1999 में पटना मुस्लिम साइंस कॉलेज से विज्ञान में इंटर की पढ़ाई पूरी की। पटना मगध विवि से बीएससी और 2008 में यूपी से बीएमएससी किया। जामिया मिलिया दिल्ली से पीएचडी व पोस्ट-डॉक्टोरल की उपाधि 2013 में ली। उसी साल उनका चयन इमाम मुहम्मद विवि रियाद सऊदी अरब में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में हुआ। तब से ही वहां कार्यरत हैं।

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