Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Nepal Protests: नेपाल में सोशल मीडिया बैन पर हिंसा का भारत में हुआ बड़ा असर... बेटी-रोटी वालों को नहीं मिल रही खोज-खबर, सीमा पार से बातचीत बंद

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 04:30 AM (IST)

    Nepal News Updates नेपाल में सोशल मीडिया बैन पर बवाल मचा है। बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है। इसका भारत की सीमा पर बड़ा असर दिख रहा है। अररिया के सीमावर्ती इलाके के जिन लोगों के पारिवारिक संबंध नेपाल में है वे सकते में हैं। भारत से नेपाल 12 रुपये प्रति मिनट पर मोबाइल फोन से बात हो रही है। टिकटाक छोड़कर सभी इंटरनेट मीडिया एप बंद किए गए हैं।

    Hero Image
    Nepal News Updates: नेपाल में सोशल मीडिया बैन पर बवाल का भारत की सीमा पर बड़ा असर दिख रहा है।

    दीपक कुमार गुप्ता, सिकटी (अररिया)। Nepal Banned Social Media नेपाल में सोशल मीडिया बैन यथा इंटरनेट मीडिया एप पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ बड़ी संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए हैं। इस विरोध का असर भारत-नेपाल सीमा पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। भारत और नेपाल के बीच पारिवारिक संबंधों के कारण, कई लोग चार सितंबर के बाद अपने स्वजन से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेपाल में इंटरनेट मीडिया पर प्रतिबंध चार सितंबर को लागू हुआ। इनमें उन प्लेटफार्मों को निशाना बनाया गया जो नेपाल सरकार के साथ पंजीकृत नहीं थे। इस प्रतिबंध में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, एक्स और यूट्यूब जैसी प्रमुख साइटें शामिल हैं, जो युवाओं के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए अत्यंत लोकप्रिय हैं।

    नेपाल के कर्सिया निवासी रमेश मंडल ने बताया कि चाइनीज एप टिकटाक को छोड़कर सभी एप बंद कर दिए गए हैं। पहले भारत के नागरिक अपने नेपाल में रहने वाले स्वजन से वाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से आसानी से बात कर लेते थे। रंगेली नेपाल निवासी सुरेश थापा ने कहा कि कुल 26 इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म बंद होने के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे मधेशी समुदाय, होटल व्यवसायियों और पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

    कुर्साकांटा और सिकटी प्रखंड से लगने वाली नेपाल सीमा के रंगेली, कर्सिया आदि होटलों में भारतीयों के लिए वाइ-फाइ सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती थी। बड़ी संख्या में भारतीय इस सुविधा का लाभ उठाते थे, लेकिन अब यह संभव नहीं हो पा रहा है। लोग होटल खाली रह रहे हैं। भारतीय क्षेत्र के सुबोध कुमार, मनोज राय, सत्यम प्रिया, रानी प्रियंका, जगदेव साहू आदि ने बताया कि इंटरनेट मीडिया के बंद होने से लोग अपने स्वजन से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें महंगे दर पर अंतरराष्ट्रीय काल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 

    नेपाल से भारत काल करने पर पांच रुपये प्रति मिनट और भारत से नेपाल काल करने पर 12 रुपये प्रति मिनट शुल्क लगता है, जिससे आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सीमा पार रह रहे नेपाली नागरिकों का कहना है कि नेपाल सरकार के इस निर्णय के खिलाफ युवाओं में भारी नाराजगी देखी जा रही है। कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। युवाओं का कहना है कि सरकार ने बिना वैकल्पिक व्यवस्था के डिजिटल संचार के महत्वपूर्ण माध्यमों को बंद कर दिया है, जिससे छात्रों, व्यवसायियों और आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है।