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    Road Accident: साइकल से रोज सीमेंट फैक्ट्री जाते थे रमेश, स्कार्पियो ने खत्म कर दी जिंदगी; TI ने दिखाई मानवता

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 03:22 PM (IST)

    औरंगाबाद के रिसियप में एक तेज रफ्तार स्कार्पियो ने साइकिल सवार रमेश कुमार वर्मा को कुचल दिया जिससे उनकी मौत हो गई। रमेश सीमेंट फैक्ट्री में काम करते थे और ड्यूटी से लौट रहे थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और स्कार्पियो की तलाश कर रही है।

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    अनियंत्रित स्कार्पियो से कुचलकर साइकिल सवार की मौत

    संवाद सूत्र, अंबा (औरंगाबाद)। रिसियप थाना क्षेत्र के रिसियप बाजार स्थित दुर्गा मंदिर के पास औरंगाबाद-पटना पथ एनएच-139 पर बुधवार को तेज रफ्तार स्कार्पियो से कुचलकर साइकिल सवार ग्रामीण की मौत हो गई।

    इस घटना में रिसियप बाजार निवासी वासुदेव प्रसाद के 48 वर्षीय पुत्र रमेश कुमार वर्मा की मौत हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि रमेश सीमेंट फैक्ट्री औरंगाबाद में काम करते थे। प्रतिदिन घर से साइकिल से ड्यूटी करने जाते थे। सुबह नाइट ड्यूटी करने के बाद घर लौट रहे थे। घर से 200 मीटर पहले दुर्गा मंदिर के पास अनियंत्रित तेज रफ्तार स्कार्पियो ने साइकिल में जोरदार टक्कर मार दिया।

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    स्कार्पियो की टक्कर से गंभीर रूप से जख्मी हो गए। धक्का मारने के बाद स्कार्पियो चालक वाहन लेकर फरार हो गया। दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर अफरातफरी मच गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। रिसियप थानाध्यक्ष निशा कुमारी दुर्घटना के समय ही आवश्यक कार्य से एसपी कार्यालय जा रही थी। जैसे हीं देखा की घटना में व्यक्ति जख्मी हुआ तो वे उसे पुलिस वाहन में सदर अस्पताल औरंगाबाद ले गए। रास्ते में दम तोड़ दिया।

    आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस 

    थानाध्यक्ष द्वारा पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम कराया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं है। किसी भी पीड़ित को सुविधा प्रदान करना प्रथम कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए स्वजनों को सौंप दिया गया है। स्कार्पियो वाहन एवं उसके चालक का पता लगाया जा रहा है। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज देखा जा रहा है।

    घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में स्वजन एवं ग्रामीण अस्पताल पहुंचे। स्वजन शव से लिपटकर चीत्कार मार रोने लगे। ग्रामीणों की रुलाई से सदर अस्पताल का माहौल गमगीन हो गया। रमेश के चचेरे भाई जदयू के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष विजय मेहता ने बताया कि दो छोटे भाइयों में सबसे छोटे थे। सीमेंट फैक्ट्री में सुपरवाइजर का काम करते थे। प्रतिदिन साइकिल से ड्यूटी आना-जाना होता था। उनके तीन छोटे बच्चे हैं। घटना के बाद से बेटी अंशु, पुत्र आशुतोष एवं अंकेश रो रहे हैं। समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या हो गया है।