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    औरंगाबाद में स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों की बदलेगी तस्वीर, नवीनीकरण के लिए एक करोड़ 34 लाख रुपये स्वीकृत

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 11:18 PM (IST)

    बिहार के औरंगाबाद में स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों की तस्वीर बदलने वाली है। नवीनीकरण के लिए एक करोड़ 34 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इससे औरंगाबाद क ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य संरचना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 13 संस्थानों में नवीनीकरण, पुस्तकालय और शौचालय का कार्य किया जाएगा। इस कार्य के लिए 134.827 लाख रुपये की लागत निर्धारित की गई है।

    योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। इन योजनाओं के अंतर्गत उच्च विद्यालयों में पुस्तकालयों का नवीनीकरण और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों तथा आशा कार्यकर्ताओं के लिए प्रतीक्षालय और शौचालय सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। सभी कार्यों को तीन माह की निर्धारित अवधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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    इस संबंध में मंगलवार को भवन निर्माण विभाग ने निविदा का प्रकाशन किया है। भवन निर्माण विभाग के अनुसार, छह विद्यालयों में पुस्तकालयों के नवीनीकरण कार्य की स्वीकृति दी गई है।

    ये विद्यालय हैं- उच्च विद्यालय पथरौर हसपुरा, गांधी स्मारक उच्च माध्यमिक विद्यालय गोह, आरबीआर हाइस्कूल रफीगंज, सत्येंद्र नारायण उच्च विद्यालय नबीनगर, राजा जगन्नाथ उच्च माध्यमिक विद्यालय देव और उत्क्रमित उच्च विद्यालय सलैया।

    प्रत्येक विद्यालय के लिए 4.991 लाख रुपये की प्राक्कलित राशि निर्धारित की गई है। नवीनीकरण के बाद विद्यार्थियों को बेहतर पठन सामग्री और सुविधाजनक पुस्तकालय वातावरण का लाभ मिलेगा।

    इसके अतिरिक्त, नबीनगर, गोह, हसपुरा, बारुण, रफीगंज, देव और मदनपुर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों और आशा कार्यकर्ताओं के लिए प्रतीक्षालय और शौचालय के नवीनीकरण कार्यों को मंजूरी दी गई है। प्रत्येक पीएससी के लिए इस कार्य के लिए प्राक्कलित राशि 14.983 लाख रुपये है।

    स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इन सुविधाओं के सुदृढ़ होने से मरीजों की भीड़ प्रबंधन में सुधार आएगा और आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा। सभी कार्यों को तीन माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

    समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं। यह भी कहा गया है कि गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाएगी।