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    Chhath Puja: देव में 12 लाख से अधिक व्रतियों ने अस्तचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, दिखा आस्था का अद्भुत नजारा

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 05:32 PM (IST)

    औरंगाबाद के देव में छठ पर्व पर सूर्यकुंड और रुद्रकुंड तालाब पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि 12 लाख से अधिक व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। सूर्य मंदिर न्यास समिति के अनुसार, सुबह तक चार लाख व्रती पहुंच चुके थे। 

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    देव सूर्यकुंड तालाब पर अर्घ्य देने को उमड़ी व्रतियों की भीड़। (जागरण)

    शुभम कुमार सिंह, औरंगाबाद। लोक आस्था के महापर्व छठ में अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए औरंगाबाद के देव सूर्यकुंड व रुद्रकुंड तालाब आस्था की भीड़ उमड़ पड़ी।

    भीड़ के कारण सूर्यकुंड तालाब पर खड़ा होना मुश्किल हो गया। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि सोमवार शाम अस्तचलगामी भगवान सूर्य को देव में 12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया है।

    भीड़ की स्थिति यह थी कि हमें रास्ता बदलकर सूर्यकुंड तालाब जाना पड़ा। उस समय भी तालाब में व्रती अर्घ्य दे रहे थे। सूर्य मंदिर न्यास समिति के सचिव विश्वजीत कुमार राय ने बताया कि सुबह चार बजे करीब चार लाख व्रती सूर्यकुंड तालाब पहुंच चुके थे। ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जा रही थी।

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    व्रतियों की भीड़ से छोटा सा कस्बा पट गया। भक्तों की भीड़ देखते बन रही थी। मेला परिसर में इस बार जिला प्रशासन के द्वारा बेहतर व्यवस्था की गई थी। अर्घ्य देने के समय व्रती भड़ से जद्दोजहद करते रहे परंतु उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई।

    सीओ दीपक कुमार ने बताया कि मेला परिसर में 500 दंडाधिकारी की तैनाती की गई थी। 2000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। कहीं कोई परेशान न हो इसका ख्याल रखा जा रहा था। सूर्यकुंड तालाब पर सोमवार की सुबह से व्रतियों का आना प्रारंभ हो गया था।

    सुबह 10 बजे से व्रतियों ने अर्घ्य देना शुरू किया। छठी मईया को याद करते हुए व्रत का समापन किया। डीएम श्रीकांत शास्त्री के साथ एसपी अंबरीष राहुल समेत अन्य अधिकारी रात से सुबह तक मेला परिसर का जायजा लेते रहे।

    यहां तैनात दंडाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे। तीन शिफ्ट में दंडाधिकारी एवं पुलिसकर्मियों की डयूटी लगाई गई थी। व्रती डेढ़ से दो किमी पैदल चलकर सूर्यकुंड तालाब अर्घ्य देने पहुंचे।

    देव में भक्तों की रेला के आगे जगह कम पड़ गया। खेतों में धान लगे होने के कारण व्रतियों को ठहरने में परेशानी हुई। व्रतियों को जहां जगह मिला डेरा डाल दिए। अर्घ्य के समय सूर्यकुंड एवं रुद्रकुंड तालाब पर भीड़ रही। अर्घ्य देने के बाद व्रती सूर्य मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे थे।

    दूसरे राज्य एवं जिले से देव पहुंचे श्रद्धालुओं ने सोमवार की रात 12 बजे के बाद अर्घ्य देकर वापस लौट गए। सचिव ने बताया कि रात एक बजे से उगते सूर्य को अर्घ्य देने का सिलसिला जो प्रारंभ हुआ वह सुबह नौ बजे तक चलता रहा। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ रात भर लगी रही। सभी भगवान सूर्य के दर्शन को उतावले थे।

    सूर्य मंदिर परिसर में बच्चों के मुंडन के लिए भीड़ रही। देव में भगवान सूर्य तीन स्वरूप ब्रह्मा, विष्णु, महेश के रूप में विराजमान हैं। गर्भगृह की आकर्षक सजावट की गई थी। छठ को लेकर माहौल भक्तिमय रहा। देव की हर गली में छठ गीत सुनाई दे रही थी।

    देव सूर्य मंदिर समय सारिणी 

    • सुबह चार बजे : तीन स्वरूपी भगवान सूर्य का पट खुला।
    • सुबह चार से पांच बजे : भगवान सूर्य का पूजा किया गया।
    • सुबह पांच से 5.30 बजे तक भगवान सूर्य की आरती।
    • 5.30 बजे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला मंदिर, दर्शन के लिए भीड़।
    • भक्तों की भीड़ के कारण सोमवार को नहीं बंद हुए पट।
    • दोपहर 12 बजे : मेला परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ से सभी रास्ते जाम।
    • दोपहर एक बजे : सूर्यकुंड तालाब पर व्रतियों की भीड़, सूर्य मंदिर परिसर में लगा तांता।
    • शाम 4 बजे : व्रतियों की भीड़ से सूर्यकुंड तालाब एवं सूर्य मंदिर परिसर पट गया। पुलिस बल भीड़ को नियंत्रित करने में जुटी।
    • सूर्यकुंड तालाब पर व्रतियों की अधिक भीड़। लगातार माइक से भीड़ नियंत्रण की घोषणा।
    • सूर्यकुंड तालाब परिसर से सूर्य मंदिर जाने वाला रास्ता पूरी तरह जाम। व्रतियों की भीड़ से रास्ता पट गया।