बांका में हवाई सफर का सपना अधूरा, विधानसभा चुनाव में हवाई अड्डा बना बड़ा मुद्दा
बांका में विधानसभा चुनाव के बीच हवाई अड्डे का मुद्दा महत्वपूर्ण है, जो शहरवासियों के लिए एक पुरानी मांग है। जिला प्रशासन ने पहले भूमि का मापन किया था, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हवाई अड्डा वर्तमान में चारागाह बन गया है। नागरिकों ने हवाई सेवा और फ्लाईओवर की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही अन्य शहरों के लिए ट्रेनों के परिचालन की मांग की है।
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बांका में हवाई अड्डा और रेल सुविधा की मांग तेज। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, बांका। विधानसभा चुनाव में वैसे तो हर विधानसभा क्षेत्र के लोगों की अपनी-अपनी मांग है। लेकिन बांका शहर के लोगों के लिए हवाई सफर इस चुनाव में बड़ा मुद्दा है।
वैसे तो यहां के लोगों के लिए यह मांग बहुत पुरानी है, लेकिन अब तक इस पर कोई सार्थक पहल नहीं हो सकी है। दो साल पहले जिला प्रशासन की ओर से हवाई अड्डे की जमीन की मापी कराई गई थी।
इसके बाद सीमांकन का काम कराया गया था। प्रशासनिक पहल के बाद लोगों को हवाई सफर शुरू होने की आस जगी थी, लेकिन फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
हवाई अड्डा करीब 20 एकड़ में फैला है। जिला प्रशासन की ओर से मापी और सीमांकन के बाद लोगों को उम्मीद थी कि पूरे हवाई अड्डे की जमीन की घेराबंदी हो जाएगी।
लेकिन ऐसा नहीं हो सका। घेराबंदी नहीं होने के कारण अभी यह मवेशियों के लिए चारागाह बन गया है। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
समाजसेवी रितेश चौधरी ने बताया कि बांका जैसे शहर से हवाई सेवा शुरू होनी चाहिए। अभी यहां के लोगों को देवघर जाना पड़ता है। यहां से हवाई सफर शुरू होने से व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।
जाम से मिले मुक्ति
शहर के मयंक कुमार ने बताया कि बांका शहर के लोगों को हर रोज जाम से जूझना पड़ता है। रोड के चौड़ीकरण से लेकर पार्किग और जरूरत के अनुसार फ्लाइओवर निर्माण को लेकर पहल होनी चाहिए।
इस बार चुनाव में यहां के लोगों के लिए यह बड़ा मुद्दा है। गांधी चौक, विजयनगर चौक सहित अन्य चौंक पर लोगों को हर रोज जाम से जूझना पड़ रहा है।
पंजवारा से जमुई होते हुए बरबीघा-शेखपुरा तक रोड का निर्माण कार्य तेजी से हो, जिससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। लोगों को जाम से राहत मिलेगी और समय की बचत होगी।
बड़े शहरों के लिए चले ट्रेन
बांका शहर रेलवे के नेटवर्क से करीब ढाई दशक पूर्व ही जुड़ चुका है। लेकिन अब भी यहां पर गिनती के ट्रेनों का ठहराव हो रहा है। पटना को छोड़कर अन्य शहरों के लिए ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है।
इसके लिए पहल करने की जरूरत है। शहर के अमित कुमार ने बताया कि अगर अन्य शहरों के लिए ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाए तो यहां के लोगों को काफी सुविधा होगी।
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