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    Bihar News: बांका में कब से होगी धान की खरीदी? डीएम नवदीप शुक्ला ने दी अहम जानकारी  

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 04:03 PM (IST)

    बांका जिले के किसानों के लिए खुशखबरी! जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने बताया कि धान की खरीदी 15 नवंबर, 2024 से शुरू होने की संभावना है। जिला प्रशासन खरीदी को सुचारू रूप से चलाने के लिए तैयार है, जिससे किसानों को फसल बेचने में आसानी होगी और उचित मूल्य मिलेगा।

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    संवाद सूत्र, बांका। जिले में 15 नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदारी शुरू होगी। इसके लिए किसानों को प्रति क्विंटल 2369 रुपये की दर से भुगतान होगा। 17 प्रतिशत नमी के आधार पर पैक्सों एवं व्यापार मंडलों द्वारा कृषि विभाग के पोर्टल पर निबंधित किसानों से धान खरीद की जाएगी।

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    डीएम नवदीप शुक्ला ने सोमवार को धान खरीद को लेकर जिला टास्क फोर्स की बैठक की। बैठक के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि सभी क्रय केंद्र पर नमी मापक यंत्र, कांटा, फिंगरप्रिंट स्कैनर, पंजों का संधारण और प्रचार प्रसार के सामग्री आदि की उपलब्धता 10 नवंबर तक सुनिश्चित कर लें।

    बताया गया कि विभाग द्वारा धान खरीद की अंतिम तिथि 28 फरवरी, 2026 तय की गई है। धान बेचने में किसानों को किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। रैयत किसान (जमीन मालिक) से अधिकतम 250 क्विंटल और बटाईदार किसान यानी गैर रैयत किसानों से 100 क्विंटल धान खरीद होगी।

    किसानों को भुगतान के लिए भी ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। धान बेचने के 48 घंटे के अंदर भुगतान कर दिया जाएगा। पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से धान बेचने के लिए किसानों को पहले सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद ही वे धान बेच सकते हैं।

    कैंप लगाकर कराएं रजिस्ट्रेशन

    डीएम ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिकतम लाभ दिलाने के लिए सभी प्रखंडों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी को दो दिनों के भीतर किसान सलाहकारों, कृषि समन्वयकों एवं प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित करने का आदेश दिया।

    डीएम ने प्रबंध निदेशक, दी भागलपुर सेन्ट्रल कापरेटिव बैंक को सभी चयनित समितियों को नियमानुसार कैश क्रेडिट उपलब्धत कराने पर बल दिया। राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक ने बताया कि इस वर्ष अब तक कुल 11 राईस मिलों का पंजीकरण किया गया है, जिसमें सात निजी उसना, एक पैक्स अरवा एवं 3 निजी अरवा राईस मिल शामिल हैं।

    डीएम ने कहा कि 15 नवंबर तक सभी निबंधित मिलों का संयुक्त भौतिक सत्यापन कर वास्तविक मिलिंग क्षमता का प्रतिवेदन विभाग को भेजा जाए। इसके अलावा जिला प्रबंधक, राज्य खाद्य निगम द्वारा बताया गया कि जिले में कुल पांच फोर्टिफाइड चावल संग्रहण केंद्र क्रियाशील हैं। जिनकी कुल भंडारण क्षमता 7200 टन है।

    एक लाख 12 हजार हेक्टेयर में हुई है खेती

    जिले में इस साल एक लाख 12 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गई है। लेकिन कुछ दिन पूर्व हुई झमाझम बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। जिन किसानों ने धान की कटाई शुरू कर दी थी, उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ा।

    सबसे ज्यादा नुकसान अमरपुर और बांका के आसपास के इलाके के किसानों को झेलनी पड़ी। किसान रुपेश चौधरी ने बताया कि इस बार फसल तो अच्छी थी लेकिन बेमौसम बारिश ने किसानों को काफी नुकसान दिया।