बिहार चुनाव: बेगूसराय में भाजपा ने बागियों को मनाया, महागठबंधन में नाराजगी बरकरार
बेगूसराय में बिहार चुनाव की तैयारी जोरों पर है। भाजपा ने अपने असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को मना लिया है, लेकिन महागठबंधन में अभी भी नाराजगी है। भाजपा का लक्ष्य अधिक सीटें जीतना है, जबकि महागठबंधन को आंतरिक मतभेदों को सुलझाना होगा। जनता के लिए विकास और रोजगार जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
रूपेश कुमार, बेगूसराय। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों से सात उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया, जिसके बाद अब 73 उम्मीदवार मैदान में बचे हैं।
नाम वापसी की अंतिम तिथि पर राजनीतिक दलों ने बागियों को मनाने की पुरजोर कोशिश की, जिसमें भाजपा को सफलता मिली, लेकिन महागठबंधन के नेताओं के प्रयास बेअसर रहे।
भाजपा के बागियों को मनाने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संभाला। कई दौर की बैठकों के बाद बागी प्रत्याशियों ने पार्टी के प्रति वफादारी की शपथ ली।
वहीं दूसरी ओर, महागठबंधन में मतभेद गहराते गए। बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन के दो घटक दल भाकपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। भाकपा से अवधेश कुमार राय और कांग्रेस से शिव प्रकाश गरीबदास ने नाम वापस नहीं लिया। दोनों को अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं का खुला समर्थन मिल रहा है। इससे इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
राजद जिलाध्यक्ष मोहित यादव ने बताया कि रूठे नेताओं को मनाने की कोशिश जारी है और जल्द ही सकारात्मक नतीजा निकलने की उम्मीद है। हालांकि, अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
वहीं, कांग्रेसी जिले में टिकट बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे हैं। पार्टी द्वारा मटिहानी सीट जिलाध्यक्ष सार्जन सिंह को नहीं दिए जाने पर कार्यकर्ताओं ने आक्रोश व्यक्त किया तथा सभी कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिला अध्यक्ष सार्जन सिंह ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू से दूरभाष पर बात की तथा कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया।
तेघड़ा विधानसभा में एनडीए को राहत मिली है। यहां भाजपा के बागी पूर्व विधायक ललन कुंवर ने नाम वापस ले लिया, इससे भाजपा प्रत्याशी रजनीश सिंह को मजबूती मिली है। इस सीट पर भाकपा के रामरतन सिंह और जनसुराज के आरएन सिंह मुख्य दावेदार हैं।
चेरिया बरियारपुर सीट पर महागठबंधन के भीतर भी दिलचस्प स्थिति है। राजद के बागी रामसखा महतो ने नाम वापस नहीं लिया है। यहां राजद ने सुशील सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के पुत्र हैं। उनके सामने जदयू से पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के बेटे अभिषेक कुमार उर्फ न्यूटन और जनसुराज से डा. मृत्युंजय कुमार हैं।
साहेबपुर कमाल सीट पर भी मुकाबला रोचक बना हुआ है। जदयू के बागी अमर कुमार ने टिकट न मिलने के बाद नाम वापस नहीं लिया। वे पिछले बार जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था। तत्कालीन लोजपा-रा के प्रत्याशी सुरेंद्र विवेक भी मैदान में थे।
यहां राजद के सत्तानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव, लोजपा-रा के सुरेंद्र विवेक और जनसुराज के मोहम्मद अब्दुल्ला मैदान में हैं। इस संंबंध में जदयू जिलाध्यक्ष रूदल राय ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष से बातचीत कर निर्णय लिया जाएगा।
वहीं, बखरी सुरक्षित सीट से भाजपा के रामशंकर पासवान और राजद के पूर्व विधायक उपेंद्र पासवान के नाम वापसी के बाद मुकाबला सरल हो गया है। अब यहां एनडीए के संजय पासवान और महागठबंधन के सीपीआइ प्रत्याशी सूर्यकांत पासवान के बीच सीधी लड़ाई तय मानी जा रही है।
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