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    बेगूसराय में गंगा का जलस्तर बढ़ने से दियारा की 60 हजार आबादी पर फिर संकट, आवागमन बाधित

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 11:49 AM (IST)

    लखमिनियां-मसुदनपुर दियारा सड़क के चेचियाही ढाब पर तीन फुट से अधिक पानी भर गया है इससे पैदल आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। वहीं सनहा गोदरगामा बांध से शादीपुर दियारा और बिशनपुर जाने वाले पथ तथा तुलसीटोल से परमानंदपुर-मिर्जापुर दियारा पथ पर भी तीन फुट पानी बह रहा है। इससे परमानंदपुर ताजपुर भवानंदपुर एवं पहाड़पुर पंचायत के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट चुका है।

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    गंगा के बढ़ते जलस्तर से शाम्हो-सूर्यगढ़ा सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी आवागमन बाधित

    संवाद सूत्र बलिया (बेगूसराय)। गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि ने दियारा क्षेत्र की लगभग 60 हजार से अधिक की आबादी को गंभीर संकट में डाल दिया है। शुक्रवार को बाढ़ का पानी मुख्य सड़कों पर फैल जाने से लोगों का आवागमन ठप पड़ गया। कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह टूट चुका है, जबकि कई अन्य गांवों का संपर्क टूटने की कगार पर है।

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    लखमिनियां-मसुदनपुर दियारा सड़क के चेचियाही ढाब पर तीन फुट से अधिक पानी भर गया है, इससे पैदल आना-जाना भी मुश्किल हो गया है। वहीं, सनहा गोदरगामा बांध से शादीपुर दियारा और बिशनपुर जाने वाले पथ तथा तुलसीटोल से परमानंदपुर-मिर्जापुर दियारा पथ पर भी तीन फुट पानी बह रहा है। इससे परमानंदपुर, ताजपुर, भवानंदपुर एवं पहाड़पुर पंचायत के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट चुका है।

    ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पानी होकर किसी तरह गुजरने को मजबूर हैं। अभी तक प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था नहीं की गई है। सीओ रवि कुमार ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर आश्वासन दिया कि जहां आवश्यकता होगी वहां नाव की व्यवस्था सहित अन्य कदम उठाए जाएंगे। लेकिन स्थिति यह है कि दियारा क्षेत्र की बड़ी आबादी बाढ़ के कारण कैद होकर रह गई है। किसान भी दोहरी मार झेल रहे हैं।

    पहले बाढ़ ने फसलें बर्बाद की और अब पुनः बोए गए दलहन व पशुचारा की फसलें भी डूब गईं। कई स्कूलों पहाड़पुर एवं शादीपुर दियारा में पानी प्रवेश कर गया है। शिक्षक जोखिम उठाकर पहुंच रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राएं स्कूल नहीं आ पा रहे। भवानंदपुर, ताजपुर, परमानंदपुर, पहाड़पुर पंचायत की बड़ी आबादी गंभीर रूप से प्रभावित है। साथ ही फतेहपुर एवं भगतपुर पंचायत भी आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में हैं।

    परमानंदपुर, हुसैना, मिर्जापुर, मसूदनपुर, भवानंदपुर, ताजपुर, सहबेगपुर, सैदपुर, नौरंगा, सोनवर्षा आदि गांवों में लोग गंगा के बढ़ते जलस्तर से भयभीत हैं। यदि जलस्तर में वृद्धि जारी रही, तो आने वाले दिनों में हालात और भयावह हो सकते हैं।

    बाढ़ से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त, फसलें हुईं बर्बाद

    बछवाड़ा प्रखंड की चमथा पंचायत-एक, दो, तीन, विशनपुर और दादुपुर में गंगा नदी एक बार फिर उफान पर है। इसके चलते चमथा दियारा का इलाका पूरी तरह जलमग्न हो गया है। पिछले सप्ताह जलस्तर घटने से लोगों को राहत मिलने लगी थी और वे अपने घरों को लौट रहे थे, लेकिन बीते दो दिनों से जलस्तर में फिर वृद्धि होने से जनजीवन प्रभावित हो गया है।

    लगभग एक माह से बाढ़ का पानी जमा रहने के कारण दियारे के क्षेत्रों का प्रखंड एवं जिला मुख्यालय से संपर्क लगभग टूट चुका है। लोग खाने-पीने और आवश्यक वस्तुएं जुटाने में परेशान हैं। कई ग्रामीण पलायन को विवश हैं। विशनपुर, रतल्लहपुर दियारा, गोपालपुर, पंचखूंटी, गोपटोल एवं पटपर पूरी तरह प्रभावित है। लगातार उतार-चढ़ाव के बीच सैकड़ों बीघा फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। सबसे बड़ी समस्या पशुपालकों के सामने है।

    चारे की भारी किल्लत से पशुओं का पेट नहीं भर पा रहा है और दूध की मात्रा में भी कमी आ गई है। चमथा-तीन निवासी अवधेश राउत बताते हैं कि पशुओं के समक्ष चारे का संकट सबसे विकट है। सूखे स्थानों पर घास नहीं मिल रही, इससे किसान समस्तीपुर से महंगा हरा चारा खरीदने को मजबूर हैं। महिलाएं और पुरुष दिनभर खेतों एवं सूखे स्थानों पर चारा खोजने में लगे रहते हैं। कई लोग जोखिम उठाकर गहरे पानी में घुसकर भी चारा लाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब भोजन-पानी की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने ग्रामीणों की चिंता और अधिक बढ़ा दी है।