गरीब का बेटा, पहली बार में विधायक फिर सीधे मंत्री, बखरी के संजय पासवान ने रच दिया इतिहास
बखरी विधानसभा सीट से लोजपा(आर) के संजय पासवान की पहली बार में ही जीत और मंत्री बनने तक का सफर प्रेरणादायक है। साधारण परिवार में जन्मे संजय पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश प्रधान महासचिव हैं। 2015 में लोजपा से जुड़कर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद भी उन्होंने चिराग पासवान का साथ दिया। अब उनके सामने बखरी में विकास लाने की चुनौती है।

संजय पासवान की कहानी
संवाद सहयोगी, बखरी (बेगूसराय)। बिहार विधानसभा चुनाव में बखरी (सुरक्षित) सीट से पहली बार चुनाव लड़े लोजपा(आर) के संजय पासवान की जीत और मंत्री बनने तक का सफर काफी रोमांचकारी और क्षेत्र को हर्षित करने वाली है।
बेगूसराय नगर क्षेत्र के पोखरिया निवासी नव निर्वाचित विधायक संजय सम्प्रति लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश प्रधान महासचिव हैं। 1974 में उनका जन्म एक साधारण एवं गरीब परिवार में हुआ।
2015 में लोजपा से जुड़े
संजय बचपन से ही स्वभाव से शांत, शालीन और मृदुभाषी हैं। चेहरे पर हरदम हंसी उनके व्यक्तित्व की विशेषता है। स्नातक तक शिक्षा प्राप्त नव निर्वाचित विधायक पहली बार 2015 में लोजपा से जुड़े और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे लोजपा के जिलाध्यक्ष बने।
उनके बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी ने उन्हें प्रदेश की राजनीति से संसदीय बोर्ड में जगह दी। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद दल में आई उठापटक के बावजूद उन्होंने चिराग पासवान का साथ दिया। यही कारण रहा कि चुनावी माहौल में पार्टी ने स्थानीय नेता के आक्रोश को झेलते हुए उनपर विश्वास जताया।
जिसका सुखद परिणाम भी पार्टी को मिला। अब उनके सामने डबल इंजन की सरकार में बखरी तक तेज रफ्तार विकास पहुंचाने की चुनौती होगी।
इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, रेल व सड़क परिवहन की बेहतर व्यवस्था तथा क्षेत्र से पलायन रोकने हेतु फैक्ट्रियों की स्थापना करवाने की पहल उनकी कार्य योजना में शामिल हो सकती है।

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