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    नामांकन जुलूस से गायब हुए भागलपुर के डिप्टी मेयर, झारखंड के मंत्री के आने से बदला समीकरण

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 10:40 AM (IST)

    भागलपुर विधानसभा चुनाव में डिप्टी मेयर सलाहउद्दीन अहसन को नामांकन से रोक दिया गया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया। राजद नेता संजय यादव ने उन्हें समझाया और कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को समर्थन देने के लिए राजी किया। इस घटनाक्रम ने महागठबंधन के भीतर की खींचतान को उजागर कर दिया। समन्वय बैठक में सलाहउद्दीन को भविष्य में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का वादा किया गया।

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    भागलपुर की राजनीति में पॉलिटकल ड्रामा

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। विधानसभा चुनाव में भागलपुर सीट पर सोमवार को ऐसा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला, जिसने पूरे शहर की सियासत को हिला दिया। महागठबंधन के घटक दलों के बीच चल रही अंदरूनी खींचतान का अंत एक नाटकीय मोड़ पर हुआ, जब डिप्टी मेयर सलाहउद्दीन अहसन को नामांकन से ऐन वक्त पर रोक लिया गया।

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    इस घटनाक्रम से कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को बड़ी राहत मिली है। नामांकन के आखिरी दिन का यह नाटकीय घटनाक्रम न केवल भागलपुर की राजनीति का केंद्र बन गया, बल्कि इसने यह भी साफ कर दिया कि इस बार का चुनाव गठबंधन और महागठबंधन दोनों के भीतर रणनीति और सामंजस्य की परीक्षा की घड़ी है।

    सुबह से ही माहौल में हलचल थी। सलाहउद्दीन के समर्थक बड़ी संख्या में मुस्लिम कॉलेज परिसर में जुटे थे। वहां से उनका नामांकन जुलूस वेरायटी चौक तक पहुंचा, लेकिन तभी घटनाक्रम ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया।

    बताया जाता है कि करीब दोपहर 1.35 बजे घंटाघर चौक के पास पहुंचते ही सलाहउद्दीन की गाड़ी का रुख अचानक नगर निगम कार्यालय की ओर मोड़ दिया गया।

    समर्थकों के बीच अफरा-तफरी मच गई। समर्थकों को यह आश्वासन दिया गया कि नगर निगम में नामांकन के कुछ कागजात लाने जा रहे हैं, लेकिन सवाल खड़े होना भी लाजमी है कि नामांकन पर्चा निगम में कैसे छूट सकता है।

    नगर निगम पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद राजद और महागठबंधन के सौ से अधिक कार्यकर्ता, जिनमें शिशुपाल भारती और बाबुल खान जैसे नेता शामिल थे, उनसे मिले और समझाने लगे कि नामांकन से गठबंधन को नुकसान होगा। इसी बीच झारखंड के मंत्री संजय यादव तीन गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे।

    संजय यादव को राजद के शीर्ष नेतृत्व ने विशेष तौर पर भागलपुर भेजा था, ताकि सलाहउद्दीन को नामांकन से रोका जा सके। करीब आधे घंटे तक चली अंदरखाने की बैठक के बाद स्थिति साफ हो गई। संजय यादव ने उन्हें समझाया और कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा के समर्थन की घोषणा करवाई।

    इसके बाद मंत्री के काफिले में बैठकर सलाहउद्दीन मायागंज स्थित एक आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने सार्वजनिक रूप से अजीत शर्मा के पक्ष में समर्थन जताया। इससे पहले सलाहउद्दीन अहसन के नामांकन को रोकने के लिए पिछले चार दिनों से रणनीति बन रही थी।

    उनके सगे संबंधी और साथी के माध्यम से मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन जब असफल हुए तो राजद के हाईकमान से सहयोग मांगा गया। जिसके बाद मंत्री संजय यादव ने कमान संभाली। समन्वय बैठक में सलाहउद्दीन को भविष्य में गठबंधन के भीतर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का भरोसा दिलाया गया है।

    जब नामांकन की समय समाप्त हुआ तो डिप्टी मेयर को शाम पांच बजे उनके आवास पर पहुंचाया गया। हालांकि सलाहउद्दीन अहसन का फोन स्विच ऑफ है। उनके पीए उमर ताज ने कहा कि किसी तरह का किडनैप नहीं हुआ। निगम में कागजात लाने पहुंचे तो पहले से कुछ लोग मौजूद थे।

    इसके बाद मंत्री संजय यादव ने मान-मनोव्वल किया। नामांकन नहीं करने का निर्णय लेते हुए अजीत शर्मा को अपना समर्थन दिया है। बता दें कि सलाहउद्दीन पहले नाथनगर विधानसभा से राजद का टिकट चाहते थे, लेकिन जब विकल्प नहीं था तो भागलपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।

    कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा ने कहा कि राजद के पदाधिकारी व डिप्टी मेयर भी है। हमलोग मिलकर लड़ेंगे। सभी लोग मिलकर बैठक किया। इस मौके पर मंत्री संजय यादव व सलाहउद्दीन भी थे। ऊपर से आदेश था कि हमलोग एक होकर बैठक किया। उन्होंने कहा हमलोग सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे।