Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Bihar Politics: RJD पर भारी पड़ गई कांग्रेस, भागलपुर में रचा 'MY' चक्रव्यूह, सीट हथियाने के लिए चल दी बड़ी चाल

    By Jitendra Kumar Edited By: Alok Shahi
    Updated: Tue, 21 Oct 2025 07:50 PM (IST)

    Bhagalpur Election 2025: भागलपुर विधानसभा सीट पर नामांकन के आखिरी दिन नाटकीय घटनाक्रम ने देश-प्रदेश का ध्यान खींचा। दीपावली पर पटाखे फूटने से पहले भागलपुर में राजनीतिक बवंडर उठ गया। बिहार चुनाव 2025 के लिए लाव-लश्कर के साथ राजद के टिकट पर नामांकन करने जा रहे प्रत्याशी अपनी ही रैली-जुलूस से एकाएक गायब हो गए। तेजस्वी यादव के करीबी झारखंड के मंत्री के आते ही पूरा समीकरण पलट गया। महागठबंधन के चक्रव्यूह में फंसे नगर निगम के डिप्टी मेयर सलाहउद्दीन अहसन को अंतत: नामांकन करने से रोक दिया गया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुस्लिम वोटों के विभाजन की थी, जो अब टल गई।

    Hero Image

    Bhagalpur Election 2025: भागलपुर विधानसभा सीट पर नामांकन के आखिरी दिन नाटकीय घटनाक्रम ने देश-प्रदेश का ध्यान खींचा।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur Election 2025 विधानसभा चुनाव में भागलपुर सीट पर सोमवार को ऐसा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला, जिसने पूरे शहर की सियासत को हिला दिया। महागठबंधन के घटक दलों के बीच चल रही अंदरूनी खींचतान का अंत एक नाटकीय मोड़ पर हुआ, जब डिप्टी मेयर सलाहउद्दीन अहसन को नामांकन से ऐन वक्त पर रोक लिया गया। इस घटनाक्रम से कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को बड़ी राहत मिली है। नामांकन के आखिरी दिन का यह नाटकीय घटनाक्रम न केवल भागलपुर की राजनीति का केंद्र बन गया, बल्कि इसने यह भी साफ कर दिया कि इस बार का चुनाव गठबंधन और महागठबंधन दोनों के भीतर रणनीति और सामंजस्य की परीक्षा की घड़ी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुबह से ही माहौल में हलचल थी। सलाहउद्दीन के समर्थक बड़ी संख्या में मुस्लिम कालेज परिसर में जुटे थे। वहां से उनका नामांकन जुलूस वेरायटी चौक तक पहुंचा, लेकिन तभी घटनाक्रम ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया। बताया जाता है कि करीब दोपहर 1.35 बजे घंटाघर चौक के पास पहुंचते ही सलाहउद्दीन की गाड़ी का रुख अचानक नगर निगम कार्यालय की ओर मोड़ दिया गया। समर्थकों के बीच अफरा-तफरी मच गई। समर्थकों को यह आश्वासन दिया गया कि नगर निगम में नामांकन के कुछ कागजात लाने जा रहे हैं। लेकिन सवाल खड़े होना भी लाजमी है कि नामांकन पर्चा निगम में कैसे छूट सकता है।

    नगर निगम पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद राजद और महागठबंधन के सौ से अधिक कार्यकर्ता, जिनमें शिशुपाल भारती और बाबुल खान जैसे नेता शामिल थे, उनसे मिले और समझाने लगे कि नामांकन से गठबंधन को नुकसान होगा। इसी बीच झारखंड के मंत्री संजय यादव तीन गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे। संजय यादव को राजद के शीर्ष नेतृत्व ने विशेष तौर पर भागलपुर भेजा था ताकि सलाहउद्दीन को नामांकन से रोका जा सके। करीब आधे घंटे तक चली अंदरखाने की बैठक के बाद स्थिति साफ हो गई।

    संजय यादव ने उन्हें समझाया और कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा के समर्थन की घोषणा करवाई। इसके बाद मंत्री के काफिले में बैठकर सलाहउद्दीन मायागंज स्थित एक आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने सार्वजनिक रूप से अजीत शर्मा के पक्ष में समर्थन जताया। इससे पहले सलाहउद्दीन अहसन के नामांकन को रोकने के लिए पिछले चार दिनों से रणनीति बन रही थी। उनके सगे संबंधी और साथी के माध्यम से मनाने का प्रयास किया गया। लेकिन जब असफल हुए तो राजद के हाईकमान से सहयोग मांगा गया।

    जिसके बाद मंत्री संजय यादव ने कमान संभाली। समन्वय बैठक में सलाहउद्दीन को भविष्य में गठबंधन के भीतर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का भरोसा दिलाया गया है। जब नामांकन का समय समाप्त हुआ तो डिप्टी मेयर को शाम पांच बजे उनके आवास पर पहुंचाया गया। हालांकि सलाहउद्दीन अहसन का फोन अब भी स्विच आफ है।

    उनके पीए उमर ताज ने कहा कि किसी तरह का किडनैप नहीं हुआ। निगम में कागजात लाने पहुंचे तो पहले से कुछ लोग मौजूद थे। इसके बाद मंत्री संजय यादव ने मान-मनोव्वल किया। नामांकन नहीं करने का निर्णय लेते हुए अजीत शर्मा को अपना समर्थन दिया है। बता दें कि सलाहउद्दीन पहले नाथनगर विधानसभा से राजद का टिकट चाहते थे। लेकिन जब विकल्प नहीं था तो भागलपुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।

    कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा ने कहा कि सलाहउद्दीन राजद के पदाधिकारी व डिप्टी मेयर भी हैं। हमलोग मिलकर लड़ेंगे। सभी लोग ने मिलकर बैठक की। इस मौके पर मंत्री संजय यादव व सलाहउद्दीन भी थे। ऊपर से आदेश था कि हमलोग एक होकर बैठक करें। उन्होंने कहा कि हमलोग सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे।